अजमेर। सिंधी समाज के इष्टदेव श्री झूलेलाल साहब के 40 दिवसीय कठोर व्रत का समापन बुधवार को दिल्ली गेट स्थित झूलेलाल धाम परिसर में सुबह 11 बजे पंडित आत्माराम शर्मा द्वारा हवन यज्ञ की आहुति के साथ संकल्प कंगणी खुलवाकर व अछुट दिलवाकर संपन्न हुआ।
पूज्य लाल साहिब मंदिर सेवा ट्रस्ट (झूलेलाल धाम) दिल्ली गेट अजमेर के महासचिव जयकिशन पारवानी ने बताया कि इससे पूर्व मंगलवार को मुम्बई व भरूच से पधारे पूज्य झूलेलाल साहिब के गद्दीनशीन ठकुर गुल साईं, ठकुर मनीषलाल, ठकुर अशोकलाल के सान्निध्य में झूलेलाल धाम परिसर में सुबह 10:30 बजे पूज्य बहिराणा साहिब की स्थापना व पंच महाज्योत प्रज्वलित करके भजन कीर्तन व छेज का आयोजन हुआ।
शाम 4 बजे फॉयसागर झील पर प्रधान ट्रस्टी प्रभु लौंगानी के संयोजन में झूलेलाल मण्डली की बहन सीमा पमनानी, कमला हरपलानी, रेखा पेसवानी, तारा हरपलानी, दादी जसी आदि द्वारा सत्संग, कीर्तन, पंजड़े, श्री झूलेलाल चालिहा का पाठ, सुख उत्पति झूलेलाल की, झूलेलाल वन्दना का पाठ किया।
बहिराणा साहिब की आरती के बाद 40 दिनों से व्रतधारियों द्वारा जल के जीवों को समर्पित करने के लिए कुनड़ी(कलश) में प्रतिदिन अखो साहिब सूखी सामग्री (चावल, सूखे मेवे, इलायची, केसर, लौंग, पताशे) नारियल फल आदि जल में परवान करके सभी व्रत धारियों व सेवाधारियों द्वारा दीपदान के साथ दरियाह पूजन करके श्री झूलेलाल साहब से विश्व व्यापी कोरोना महामारी से मुक्ति दिलाने व विश्व कल्याण की अरदास की गई व हाथ प्रसादी का वितरण हुआ।
इस अवसर पर ट्रस्ट के शंकरदास बदलानी, ताराचंद लालवानी, हीरानंद कलवानी, किशन छबलानी, पारस लौंगानी, अशोक तीर्थाणी, अगन छबलानी, पदम भगतानी, नरेंद्र, गुरमुख, तुलसी सोनी, रमेश मेघानी, हरीश भाटिया, दयाल साजनानी, मोहन तुलस्यानी, राजकुमार हीरानंदानी आदि सहित समाज के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
सिन्धी समाज की महिलाओं ने टीजिड़ी पर्व धूमधाम से मनाया
सिंधी समाज की ओर से वार्षिक पर्व टीजिड़ी धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर पीपलेश्वर महादेव मंदिर अजय नगर में महिलाओं ने विशेष पूजा की। पीपलेश्वर महादेव मंदिर के मुख्य उपासक पं. राजू महाराज ने बताया कि सुहागिने व विवाह योग्य युवतियां अपने सुहाग-भाग के लिये ये व्रत रखती हैं।
सुबह सुहागिने टीजिड़ी माता के झूले पर जल का अरग देती है व शाम को नए वस्त्र धारण कर घर के आसपास के मंदिर या दरबार में टीजिड़ी की कथा सुनती है। समाजसेवी ललिता धनवानी ने बताया कथा सुनने के पश्चात रात्री को चंद्रमा को अर्क देकर सौभाग्य प्राप्त किया जाता है।
इस अवसर पर समाज की जानू-नानक गजवानी, भारती मिरचंदानी, काजल जेठवानी, दीपा वाधवानी, भेरू-ललिता धनवानी अन्य महिलाएं उपस्थित रही। महिलाओं ने झूले पर झूलकर सदा सुहागिन गीत भी गाए।