झुंझुनूं । देश की रक्षा के लिए सबसे ज्यादा शहादत देने वाले राजस्थान के झुंझुनू जिले ने एक बार फिर शहादत दी है। जिले के श्योराम सिराधना पुलवामा क्षेत्र के पिंगलीना गांव में आतंकियों से मुठभेड़ में टीब्बा गांव के लाल श्योराम सिराधना शहीद हो गए।
खेतड़ी क्षेत्र के टीब्बा गांव के शहीद जवान श्योराम सिराधना 55 आरआर कंपनी में कश्मीर के पुलवामा में तैनात थे। रविवार देर रात आतंकवादियों से मुठभेड़ में शहीद हुए सेना के एक मेजर और तीन जवानों में श्योराम सिराधना भी शामिल हैं।
शहीद के पिता बालूराम की पहले ही मौत हो चुकी है। माता शारली देवी, वीरांगना सरिता देवी एवं एक पांच साल का पुत्र है। गांव में उनकी शहादत की सूचना पहुंच चुकी है, परन्तु अब तक शहीद के परिजनों को यह सूचना नहीं दी गई है, लेकिन पूरा गांव शोकमग्न है। गांव में शादी ब्याह के मंगल गीत बंद कर दिए गए हैं।
उधर कश्मीर में जवानों पर हुए हमले को लेकर भूतपूर्व सैनिकों में आक्रोश व्याप्त हो गया है। देश को सर्वाधिक फौजी देने वाले जिलों में शामिल झुंझुनू जिले के पूर्व सैनिकों ने आतंक को मुंह तोड़ जवाब देने के के लिये पुलवामा जाएंगे जहां वे यहां घटनास्थल पर शहीदों को श्रद्धांजलि देंगे।
भूतपूर्व सैनिकों ने कहा है कि हमला किसी भी तरह से बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, दुश्मन को इसका मुंह तोड़ जवाब देने के बाद ही उनके मन को शांति मिलेगी। सरकार यदि अनुमति दे तो हम फिर से हथियार उठाकर सरदहद पर जाने को तैयार हैं।
पूर्व सैनिक कैप्टन हवासिंह, दयासिंह कृष्णियां, विनोद मूंड, सुरेश बुडानिया, सतवीर ढाका, रघुवीर सहारण, अजीत डूडी, देवकरण सिंह, जगदीश मांजू, रघुवीर सिंह शेखावत, होशियार सिंह सुण्डा, सुनील कुलहरी, राजेन्द्र सिंह झाझडिय़ा ने बताया कि बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक 21 फरवरी को सुबह 11 बजे शहीद स्मारक पहुंचकर शहीदों को श्रद्धांजलि देंगे।
इसके बाद में सभी सडक़ मार्ग से पुलवामा के लिए रवाना होंगे। पूर्व सैनिकों ने कहा कि सरकार की अनुमति के बाद सैनिकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग के लिए खड़े होंगे। उन्होंने कहा कि देश की रक्षा के लिए जान न्यौछावर करने में पीछे नहीं हटेंगे।