नई दिल्ली। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और नेशनल कांफ्रेंस की भूमिका को अलगाववादियों से भी खतरनाक करार दिया है।
लोकसभा में आज जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन संबंधी सांविधिक संकल्प पारित किए जाने के बाद इस पर हुई विशेष चर्चा के दौरान हस्तक्षेप करते हुए सिंह ने कहा कि राज्य में पंचायत चुनाव के बाद किसी भी कीमत पर भारतीय जनता पार्टी को रोकने की अन्य दलों में हड़बड़ाहट शुरू हो गई।
उन्होंने कहा कि वहां प्रतिस्पर्द्धी अलगाववाद का एक दौर शुरू हो गया। कभी फौज को, कभी वायु सेना को तो कभी भारत की प्रभुसत्ता को गाली दी जाने लगी। खुले अलगावाद की तुलना में नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी और कांग्रेस का अलगाववाद ज्यादा खतरनाक भूमिका में है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 में भाजपा के पीडीपी के साथ मिलकर सरकार बनाने पर बहुत सवाल हुए, ताने भी मारे गए। यह सच है कि वहाँ खंडित जनादेश था लेकिन यदि हम सरकार नहीं बनाते तो ताने मारने वाले लोग ही जनादेश लेकर भागने के आरोप लगाते।
केंद्रीय मंत्री ने जम्मू-कश्मीर की मौजूदा परिस्थितियों के लिए केंद्र की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों की ‘चूकों की श्रृंखला’ को जिम्मेदार ठहराते हुए देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू पर तत्कालीन गृह मंत्री को समुचित तरीके से काम नहीं करने देने का आरोप लगाया।
उन्होंने जम्मू-कश्मीर में भाजपा के सरकार के अलग होने के फैसले के पीछे लोगों की मंशा को कारण बताया और कहा कि लोग शिकायत कर रहे थे कि जिस एजेंडे को लेकर सरकार बनी है, वह पूरा नहीं हो रहा है।
विपक्षी दलों द्वारा राज्य में जल्द से जल्द चुनाव कराने की मांग पर सिंह ने कहा कि भाजपा हमेशा चुनाव के लिए तैयार रहती है। वह कोई रसोई घर की पार्टी नहीं है जहां मां-बेटा खाना परोसते-परोसते सब-कुछ तय करते हैं।