श्रीनगर। अलगाववादी नेताओं के खिलाफ सुरक्षा तथा अन्य सुविधाएं हटाने के फैसले के बाद सुरक्षा बलों ने कश्मीर घाटी में शुक्रवार रात जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के अध्यक्ष यासीन मलिक, हुर्रियत कान्फ्रेंस तथा जमात-ए-इस्लामी के प्रमुख समेत कई अलगाववादी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कानून व्यवस्था की किसी भी समस्या से बचने के लिए जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक, हुर्रियत कान्फ्रेंस और जमात-ए-इस्लामी नेताओं को गिरफ्तार किया गया है।
जेकेएलएफ के प्रवक्ता ने शनिवार सुबह बताया कि एक पुलिस टीम ने मलिक के मैसुमा स्थित आवास पर छापा मारा और उसे हिरासत में ले लिया। उन्होंने बताया कि मलिक की गिरफ्तारी का कोई कारण नहीं बताया गया। मलिक को फिलहाल कोठीबाग थाने में रखा गया है।
मलिक को पिछले छह माह के दाैरान दर्जनों बार गिरफ्तार किया गया। कुछ मामलों में उसे एक या दो दिन की हिरासत के बाद रिहा कर दिया गया तो कुछ अन्य मामलों में उसे केंद्रीय कारागार में रखा गया और अदालत से जमानत मिलने के बाद रिहा किया गया।
जमात-ए-इस्लामी के प्रवक्ता ने बताया कि कश्मीर घाटी में सुरक्षा बलों ने कई ठिकानों पर छापेमारी कर संगठन के प्रदेश एवं जिला स्तर के कई नेताअों को गिरफ्तार किया। उन्होेंने बताया कि जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें जमात-ए-इस्लामी के प्रमुख डॉ. अब्दुल हमीद फैयाज, प्रवक्ता जाहिद अली, पूर्व महासचिव गुलाम कादिर लोन और घाटी के कई अन्य नेता शामिल हैं।
जमात-ए-इस्लामी के प्रमुख एवं अन्य नेताओं की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए संगठन के प्रवक्ता ने कहा कि ऐसा लगता है कि यह सोची समझी साजिश है। उन्होंने कहा किअनुच्छेद 35-ए को कमजोर या इसमें छेड़छाड की कोशिश जम्मू-कश्मीर के लोगों को स्वीकार्य नहीं होगी।
इस बीच श्रीनगर समेत पूरी कश्मीर घाटी में स्थिति अत्यंत संवेदनशील है। अनुच्छे 35-ए और अनुच्छेद 370 के बारे में तथा डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी प्रमुख शबीर अहमद शाह की तबीयत खराब होने जैसी अफवाहें फैल रही हैं। शाह को गत वर्ष प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था और वह वर्तमान में तिहाड़ जेल में बंद हैं।