Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
जेएलएन अस्पताल प्रशासन का दावा, आक्सीजन बाधित होने से नहीं हुई मरीजों की मौत - Sabguru News
होम Rajasthan Ajmer जेएलएन अस्पताल प्रशासन का दावा, आक्सीजन बाधित होने से नहीं हुई मरीजों की मौत

जेएलएन अस्पताल प्रशासन का दावा, आक्सीजन बाधित होने से नहीं हुई मरीजों की मौत

0
जेएलएन अस्पताल प्रशासन का दावा, आक्सीजन बाधित होने से नहीं हुई मरीजों की मौत

अजमेर। राजस्थान में अजमेर स्थित राजकीय जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय में बीती रात ऑक्सीजन बाधित होने से हुई दो मौतों के मामले में अस्पताल प्रशासन ने सफाई देते हुए इसे सिरे से खारिज किया है।

जेएलएन मेडिकल कॉलेज प्राचार्य एवं नियंत्रक डॉ. वीबी सिंह एवं अस्पताल अधीक्षक डॉ. अनिल जैन ने पत्रकारों से बातचीत में संयुक्त रूप से यह तो स्वीकार किया कि ऑक्सीजन प्लांट से सप्लाई के दौरान टेल पाइप की कनेक्टर नट फट जाने से ऑक्सीजन का फ्लो कम हुआ लेकिन उन्होंने यह कहके कि इस दौरान किसी की भी मौत नहीं हुई।

अलबत्ता उन्होंने स्वीकारा कि दो महिलाओं में से एक की मौत रात्रि में एक बजकर पांच मिनट पर तथा दूसरी की एक बजकर 50 मिनट पर हुई। जबकि टेल पाइप फटने की स्थिति रात्रि ग्यारह बजे की रही। ऑक्सीजन फ्लो के कम होने और मृत्यु के समय के अंतर को इंगित करते हुए साफ कहा कि घटना के दौरान किसी की मौत नहीं हुई।

उन्होंने कहा कि चिकित्सालय प्रशासन ने इस तरह के हादसों के लिए पूरा बैकअप प्लान तैयार किया हुआ है। यही कारण रहा कि कुछ ही क्षणों में फ्लो को ठीक कर दिया गया था और इस बीच नर्सिंग स्टाफ व रेजीडेंट डॉक्टर ने स्थिति को संभाल लिया था।

उन्होंने बताया कि भविष्य में इस तरह की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए दो तकनीकी इंजीनियर भी आज सरकार के निर्देश पर नियुक्त कर दिए गए हैं। यह पूछे जाने पर कि रात में कोरोना संक्रमित मरीजों की कुल कितनी मृत्यु हुई, दोनों से जवाब देते नहीं बना और सही जानकारी नहीं होने की बात कहते सवाल से पल्ला झाड़ लिया।

विधायक अनिता भदेल ने जताई नाराजगी

इस बीच प्रदेश की पूर्व महिला एवं बाल कल्याण मंत्री एवं अजमेर विधायक अनिता भदेल ने अस्पताल में ऑक्सीजन फ्लो बाधित होने पर हुई मृत्यु के बाद आज अजमेर कलेक्टर के समक्ष अपनी गहरी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ.वीर बहादुर सिंह और अधीक्षक डॉ. अनिल जैन को मीडियाकर्मियों के समक्ष ही खरी खरी सुनाई और सवाल किया कि मरीज अस्पताल में अपनी जान बचाने के लिए आते हैं या जान गंवाने आते हैं।