अजमेर। राजस्थान के अजमेर में प्रदेश कांग्रेस के पूर्व सचिव एवं वरिष्ठ वकील राजेश टंडन ने जवाहरलाल नेहरू अस्पताल के मेडिसिन विभाग में लगी आग के मामले में दोषियों को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर आज यहां धरना शुरू किया।
टंडन ने मीडिया को बताया कि गत आठ नवंबर को अस्पताल के मेडिसिन कोविड वार्ड में आग लगने से बने हालातों के चलते एक संक्रमित मरीज की मौत हो गई थी और अन्य दस मरीज संकट में आ गए जिन्हें बाद में अन्य वार्डों में शिफ्ट किया गया।
इस घटना को लेकर उन्होंने कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री को भी पूरे मामले की जांच कराकर दस दिनों के भीतर दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई तथा मृतक के परिजन को मुआवजा दिए जाने की मांग की थी।
उन्होंने बताया कि वह प्रशासनिक स्वीकृति के बाद पूर्व घोषणा के अनुसार आज धरने पर बैठे हैं और मांग है कि अब इस मामले में दोषी अधिकारियों, चिकित्सकों एवं कर्मचारियों के खिलाफ मानव वध का आपराधिक मुकदमा दर्ज कराने के साथ मृतक के परिजनों को बीस लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए।
उन्होंने कहा कि गलती प्रशासन, चिकित्सक अथवा पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों की हो उन्हें सजा मिलनी चाहिए क्योंकि यह हादसा कोविड वार्ड में हुआ जिसका सीधा अर्थ है कि अस्पताल में कोविड को भी गंभीरता से नहीं लिया जा रहा।
उन्होंने कहा कि कुछ चिकित्सकों ने पूरी कोविड अवधि में बहुत अच्छा काम किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारी चिकित्सक घरों पर भी 300 रुपए फीस लेने के बावजूद मरीजों को रसीद नहीं देते और अपने निजी आवासों पर मेडिकल स्टोर भी चला रहे हैं जिसकी सरकार को उच्च स्तरीय जांच करनी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि जेएलएन के मेडिसिन वार्ड में आठ नवंबर को तड़के चार बजे वेंटिलेटर्स में आग लग गई थी। इस मामले में सख्त कार्रवाई को लेकर टंडन काफी मुखर रहे हैं तथा उन्होंने प्रशासन से धरना देने की अनुमति मांगी थी जो 17 नवंबर की शाम को मिल सकी। अनुमति के बाद वे बुधवार सुबह अपने तय कार्यक्रम के अनुसार कलेक्ट्रेट के बाहर एक दिवसीय सांकेतिक धरने पर अकेले ही बैठ गए।