वाशिंगटन। जो बिडेन ने आज अमरीका के 46वें राष्ट्रपति के तौर पर पद एवं गोपनीयता की शपथ ली तथा अपने पहले भाषण में स्पष्ट कर दिया कि वह सबको साथ लेकर चलना चाहते हैं।
अमरीका के सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स बिडेन को एक रंगारंग कार्यक्रम में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। वहीं कमला हैरिस ने अमरीका की 49वें उपराष्ट्रपति बनीं। 56 वर्षीय कमला हैरिस पहली महिला, पहली अश्वेत और पहली दक्षिण एशियाई मूल की अमरीकी उपराष्ट्रपति बनकर इतिहास रच दिया।
बिडेन ने शपथ ग्रहण के बाद अपने संबोधन में कहा कि मतभेद रहेंगे, यही लोकतंत्र है, लेकिन मतभेद विभाजन की सीमा तक नहीं बढ़ना चाहिए। मैं पूरे अमेरिका का राष्ट्रपति हूं। उन्होंने इस मौके को ‘लोकतंत्र की घड़ी’ बताते हुए कहा कि इस समय संकट और चुनौतियां बहुत हैं और संयुक्त राज्य अमरीका के रूप में ही हम इसका सामना कर सकते हैं। उन्होंने इसमें ‘संयुक्त’ शब्द पर विशेष जोर दिया।
कोविड-19 महामारी का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि मिलकर हम इस संकट से पार पा लेंगे। अपने भाषण का अंत उन्होंने ‘धन्यवाद अमरीका’ कह कर किया।
तीन सीनेटरों के शपथ के बाद सीनेट पर डेमोक्रेट्स का कब्जा
कमला हैरिस ने अमरीका की उपराष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद डेमोक्रेटिक पार्टी के तीन सीनेटरों को शपथ दिलाई और इस तरह से 2014 के बाद पहली बार सीनेट पर डेमोक्रेट्स का नियंत्रण हो गया।
इस महीने के शुरू में जॉर्जिया से रेवरेंड राफेल वारनॉक और जॉन ओसॉफ को सीनेट के लिए निर्वाचित हुए थे। वारनॉक अटलांटा में एबेनेज़र बैपटिस्ट चर्च के वरिष्ठ पादरी हैं और ओसॉफ बुधवार को कमला हैरिस के उत्तराधिकारी के तौर पर नियुक्त हुए। वहीं कैलिफोर्निया की पूर्व सेक्रिटरी एलेक्स पाडिला को डेमोक्रेटिक गवर्नर गेविन न्यूसॉम ने सीनेट के लिए नियुक्त किया।
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार वारनॉक तथा ओसॉफ क्रमश पहले अश्वेत तथा पहले यहूदी है, जो जॉर्जिया का प्रतिनिधित्व करेंगे, जबकि पाडिला कैलिफोर्निया का प्रतिनिधित्व करने वाली पहली लैटिक सीनेटर हैं। तैंतीस वर्षीय ओसॉफ मौजूदा राष्ट्रपति जो बिडेन के बाद सीनेट के लिए निर्वाचित होने वाले सबसे युवा सीनेटर हैं। बिडेन 1973 में 30 वर्ष की उम्र में सीनेटर बने थे।