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जोहान्सबर्ग टेस्ट : गेंदबाजों की बदौलत वांडर्स में अजेय रहा भारत - Sabguru News
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जोहान्सबर्ग टेस्ट : गेंदबाजों की बदौलत वांडर्स में अजेय रहा भारत

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जोहान्सबर्ग टेस्ट : गेंदबाजों की बदौलत वांडर्स में अजेय रहा भारत
Johannesburg Test : India beat south africa by 63 runs
Johannesburg Test : India beat south africa by 63 runs
Johannesburg Test : India beat south africa by 63 runs

जोहान्सबर्ग। मौजूदा भारतीय क्रिकेट टीम का तेज गेंदबाजी आक्रमण पिछली भारतीय टीमों से कहीं बेहतर है। इस बात को एक बार फिर कोहली की सेना ने साबित किया। अपने तेज गेंदबाजों के दम पर ही भारत ने वांडर्स स्टेडियम में खेले गए तीसरे और आखिरी टेस्ट मैच में दक्षिण अफ्रीका को 63 रनों से हरा दिया।

भारत भले ही यह तीन मैचों की सीरीज 1-2 से हार गया, लेकिन अपने गेंदबाजों के दम पर उसने वांडर्स स्टेडियम में अपने अपराजित क्रम को जारी रखा है। साथ ही इस पूरी सीरीज में उसके गेंदबाजों ने अपने प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया।

भारत ने चौथी पारी में दक्षिण अफ्रीका के सामने 241 रनों की चुनौती रखी थी जिसे मेजबान टीम हासिल नहीं कर सकी और 73.3 ओवरों में 177 रनों पर ही ढेर हो गई।

दूसरी पारी में पांच विकेट लेने वाले मोहम्मद शमी की अगुआई में भारतीय गेंदबाजों ने इतना शानदार प्रदर्शन किया कि मेजबान टीम के सिर्फ तीन बल्लेबाज की दहाई के आंकड़े में पहुंच सके। दक्षिण अफ्रीका के लिए सबसे ज्यादा रन सलामी बल्लेबाज डीन एल्गर ने बनाए। एल्गर 240 गेंदों में नौ चौके और एक छक्का लगाकर नाबाद 86 रनों की पारी खेली।

उनके अलावा हाशिम अमला ने 52 रन बनाए। अमला ने 140 गेंदों का सामना किया और पांच चौके लगाए। इन दोनों के अलावा वार्नोन फिलेंडर ने 10 रन बनाए। मेजबान टीम के निचले क्रम को शमी ने सस्ते में समेट दिया।

दिन की शुरुआत 17 रनों पर एक विकेट के साथ करने वाली दक्षिण अफ्रीका के लिए जब तक एल्गर और अमला की जोड़ी मैदान पर थी तब तक उसकी जीत की उम्मीदें जिंदा लग रही थीं, लेकिन जैसे ही यह साझेदारी टूटी भारतीय गेंदबाज हावी हो गए और मेजबान टीम के लगातार विकेट लेकर उसे चौथे दिन ही हार पर मजबूर कर दिया।

एल्गर और अमला ने दूसरे विकेट के लिए 119 रनों की साझेदारी की और दिन के पहले सत्र में भारत को एक भी सफलता हासिल नहीं होने दी। दिन के दूसरे सत्र में ईशांत ने अमला को हार्दिक पांड्या के हाथों कैच करा इस साझेदारी को तोड़ भारत को राहत दी। अमला 124 के कुल स्कोर पर आउट हुए।

खतरा अब्राहम डिविलियर्स (6) के रूप में सामने था जिसे बुमराह ने अंजिक्य रहाणे की मदद से पवेलियन में बैठा दिया था। एल्गर एक छोर पर खड़े थे और उनकी टीम दबाव में थी। ऐसे में कप्तान फाफ डु प्लेसिस मैदान पर आए लेकिन दो रन ही बना सके और ईशांत ने उनकी गिल्लियां बिखेर दीं।

यहां से मेजबान टीम का हार तय हो गई। भारतीय कप्तान विराट कोहली ने गेंद शमी को थमाई। शमी ने मेजबान टीम के निचले क्रम के चार विकेट लेकर भारत की जीत तय कर दी। शमी ने अंत में फिलेंडर को आउट किया और अंदिले फेहुलकवायो, मोर्ने मोर्केल को खाता भी नहीं खोलने दिया। उन्होंने लुंगी नगिड़ी को आउट कर भारत को जीत पक्की की। इस बीच भुवनेश्वर ने कागिसो रबादा को पुजारा के हाथों कैच करा अपना खाता खोला।

भुवनेश्वर ने पहली पारी में तीन विकेट लिए थे और दो पारियों में बहुमूल्य 30 और 33 रन बनाए थे। उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया। दक्षिण अफ्रीका के फिलेंडर को मैन ऑफ द सीरीज का खिताब मिला।

चौथे दिन का खेल गीले मैदान के कारण आधे घंटे की देरी से शुरू हुआ। तीसरे दिन का अंत होने से कुछ देर पहले बारिश आ गई थी जिसके कारण मैदान गीला था। इसी कारण विकेट के व्यवहार में भी थोड़ा बदलाव देखने को मिला और तीसरे दिन विकेट पर जिस तरह का असमान उछाल था, वो चौथे दिन के खेल में ज्यादा देखने को नहीं मिला। हालांकि विकेट में उछाल और स्विंग भरपूर था।

एल्गर और अमला की जोड़ी ने सूझबूझ से बल्लेबाजी की और अपनी टीम को पहले सत्र में कोई झटका नहीं लगने दिया, लेकिन इस जोड़ी के बाद मेजबान टीम बिखर गई और एल्गर एक छोर पर खड़े होकर टीम की हार देकने के सिवाए कुछ नहीं कर सके।

भारत ने अपनी पहली पारी में 187 रन बनाए थे। वहीं दक्षिण अफ्रीका ने पहली पारी में 194 रन बनाते हुए सात रनों की बढ़त ले ली थी। भारत ने अपनी दूसरी पारी में 247 रन बनाते हुए मेजबान टीम के सामने चुनौतीपूर्ण लक्ष्य रखा था।