नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने एक समुदाय विशेष की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में पत्रकार मोहम्मद जुबैर को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया।
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के डीसीपी केपीएस मल्होत्रा ने कहा कि पुलिस ने एक ट्विटर हैंडल से शिकायत मिलने के बाद मामला दर्ज किया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि जुबैर ने एक विशेष धर्म के देवता का जानबूझकर अपमान करने के उद्देश्य से एक संदिग्ध तस्वीर ट्वीट की थी।
उन्होंने कहा कि इस तरह के ट्वीट्स को रीट्वीट किया जा रहा था और ऐसा प्रतीत होता था कि सोशल मीडिया संस्थाओं की एक ब्रिगेड है जिससे सांप्रदायिक सदभाव पर संभावित प्रभाव पड़ा और समग्र रूप से सार्वजनिक शांति बनाए रखने के खिलाफ है।
पुलिस ने कहा कि जून में जब पुलिस को एक ट्विटर हैंडल द्वारा सतर्क किया गया था कि जुबैर ने पहले एक आपत्तिजनक ट्वीट किया था और उनके अनुयायियों/सोशल मीडिया संस्थाओं ने बढ़-चढ़कर बहसों/नफरत फैलाने वालों की एक श्रृंखला बनाई थी, तो धारा 153 ए/295 ए के तहत मामले में उनकी जांच की गई थी। जांच में जुबैर की भूमिका को आपत्तिजनक पाया गया।
मल्होत्रा ने कहा कि जुबैर सवालों से बचता रहा और न तो जांच के उद्देश्य से आवश्यक तकनीकी उपकरण उपलब्ध कराए तथा न ही जांच में सहयोग किया। जांच के दौरान, जुबैर का आचरण संदिग्ध पाया गया, जिसने इस मामले में साजिश को उजागर करने के लिए हिरासत में पूछताछ की जरूरत महसूस की गई। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया है और पुलिस हिरासत रिमांड की मांग के लिए अदालत के समक्ष पेश किया जा रहा है।
इस बीच तथ्यों की जांच करने वाले वेबसाइट अल्टन्यूज, जिसके पत्रकार जुबैर हैं, के सह-संस्थापक प्रतीक सिन्हा ने कहा कि बैर को 2020 से एक अलग मामले में पूछताछ के लिए दिल्ली बुलाया गया था, जिसमें अदालत ने उन्हें गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान की थी। लेकिन उन्हें इस नए मामले में बिना किसी अनिवार्य सूचना के गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने कहा कि बार-बार अनुरोध के बावजूद हमें एफआईआर की कोई कॉपी नहीं दी जा रही है।