नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के लिए आज बड़ा दिन माना जा रहा है। क्योंकि साढ़े पांच साल बाद पार्टी को जेपी नड्डा के रूप में नया अध्यक्ष मिलेगा। अभी तक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ही हैं। हालांकि लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी ने जेपी नड्डा (जगत प्रकाश) को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया था। अब नड्डा को विधिवत भाजपा का अध्यक्ष बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा के इस पद पर निर्विरोध निर्वाचित होने की उम्मीद है। राज्यों से भाजपा के नेताओं सहित पार्टी के शीर्ष नेताओं के नड्डा के समर्थन में नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए दिल्ली के भाजपा मुख्यालय पहुंच रहें हैं।
जेपी नड्डा नरेंद्र मोदी और अमित शाह के पसंदीदा माने जाते हैं
जेपी नड्डा भाजपा के अध्यक्ष पद के लिए लंबे समय से प्रधानमंत्री मोदी और शाह की पसंद के तौर पर देखे जा रहे हैं। नड्डा ने राजनीति में शुरुआत छात्र राजनीति से की थी। संगठन में उनका पुराना अनुभव, आरएसएस से उनकी नजदीकी और स्वच्छ छवि उनकी ताकत है। भाजपा के वरिष्ठ नेता राधामोहन सिंह पार्टी के संगठन चुनाव प्रक्रिया के प्रभारी हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए नामांकन पत्र सोमवार को कुछ देर बाद को दाखिल किए जाएंगे।
अमित शाह का भाजपा अध्यक्ष के रूप में साढ़े 5 साल का कार्यकाल भी होगा खत्म
नए अध्यक्ष के चुनाव के साथ ही पार्टी के वर्तमान अध्यक्ष अमित शाह का साढ़े पांच वर्ष से अधिक का कार्यकाल भी समाप्त हो जाएगा। शाह के कार्यकाल के दौरान भाजपा ने देशभर में अपने आधार का विस्तार किया। अमित शाह का कार्यकाल भाजपा के लिए चुनावों के लिहाज से सर्वश्रेष्ठ काल था, हालांकि पार्टी को कुछ राज्य विधानसभा चुनावों में झटके भी लगे। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में शाह के गृहमंत्री बनने के बाद भाजपा ने उनका उत्तराधिकारी चुनने की कवायद शुरू कर दी थी क्योंकि पार्टी में ‘एक व्यक्ति एक पद’ की परंपरा रही है।
नड्डा को पिछले वर्ष जुलाई में पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया था
जेपी नड्डा को गत वर्ष जुलाई में कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। यह इस बात का संकेत था कि हिमाचल प्रदेश से भाजपा के नेता संगठन के शीर्ष पद के लिए संभावित पसंद हैं। नड्डा 2019 के लोकसभा चुनाव में राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश में भाजपा के चुनाव अभियान के प्रभारी थे जहां पार्टी को सपा और बसपा के महागठबंधन से कड़ी चुनौती थी।
दिल्ली विधानसभा चुनाव नड्डा के लिए होगी ‘अग्निपरीक्षा’
भारतीय जनता पार्टी में जेपी नड्डा की ताजपोशी उस समय हो रही है जब दिल्ली विधानसभा के चुनाव अपने चरम पर है। नड्डा के भाजपा का अध्यक्ष बनने के बाद पहली जिम्मेदारी दिल्ली चुनाव को लेकर जरूर होगी। देश की राजधानी दिल्ली में 8 फरवरी को होने जा रहे विधानसभा के चुनाव में जेपी नड्डा की अग्निपरीक्षा भी होगी। वर्ष 2015 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा 70 में से केवल 3 सीट पर ही जीत दर्ज कर सकी थी। दिल्ली की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी चुनाव जीतने के लिए पूरी जी जान लगा रही है। साथ ही जेपी नड्डा को पिछले 2 सालों से भाजपा का राज्यों से खिसकते जनाधार को भी वापस लाने की चुनौती होगी।
जेपी नड्डा पिछले लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के प्रभारी थे
नड्डा 2019 के लोकसभा चुनाव में राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश में बीजेपी के चुनाव अभियान के प्रभारी थे, जहां पार्टी को समाजवादी पार्टी और बसपा के महागठबंधन से कड़ी चुनौती थी। बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में 80 लोकसभा सीटों में से 62 पर जीत दर्ज की थी। आम चुनावों में बीजेपी के लिए महत्वपूर्ण राज्य संभालने के अलावा नड्डा मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में कैबिनेट मंत्री थे। वह संसदीय बोर्ड के एक सदस्य रहे हैं जो कि पार्टी का निर्णय लेने वाला शीर्ष निकाय है। जेपी नड्डा पार्टी में काफी अनुभवी माने जाते हैं। लेकिन असली परीक्षा उनकी संगठन को लेकर रहेगी। अब देखना हाेगा जेपी नड्डा भाजपा अध्यक्ष के रूप में पार्टी को कितना शीर्ष तक ले जा पाते हैं।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार