नई दिल्ली। कांग्रेस कार्यसमिति में केंद्र सरकार के खिलाफ प्रस्ताव के बाद भारतीय जनता पार्टी ने पलटवार करते हुए कहा है कि कांग्रेस कोरोना के खिलाफ जारी देश की लड़ाई में लोगों को गुमराह करने और भय का झूठा माहौल पैदा करने में लगी हुई है।
भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने मंगलवार को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को इस संदर्भ में चार पृष्ठों की चिट्ठी लिखी। उन्होंने पत्र में लिखा है कि संकट के इस दौर में राहुल गांधी सहित उसके नेताओं के व्यवहार को छल कपट और नकारात्मक राजनीति के लिए याद किया जाएगा।
उन्होंने राहुल गांधी सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के हाल के बयानों की निंदा की और कहा कि आज के समय में कांग्रेस का आचरण दुखी करने वाला हैं, लेकिन आश्चर्य नहीं हुआ। आपकी पार्टी के कुछ सदस्य लोगों की मदद करने में सराहनीय काम कर रहे हैं, उनकी मेहनत को पार्टी के वरिष्ठ सदस्यों द्वारा फैलाई गई नकारात्मकता से ग्रहण लग जाता है।
भाजपा अध्यक्ष ने कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पर वैक्सीन को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह स्थिति ऐसे समय में पैदा की गई जब देश संकट से जूझ रहा है और वह भी सदियों में एक बार आने वाली महामारी से।
उन्होंने कहा कि आज के समय में जब भारत कोरोना के खिलाफ अत्यंत साहस के साथ लड़ रहा है, हर कोई चाहेगा कि कांग्रेस के शीर्ष लोग, जनता को गुमराह करने, झूठी दहशत पैदा करने और सिर्फ राजनीतिक स्वार्थ के चलते अपने बयानों से विरोधाभास पैदा करना बंद कर दें।
नड्डा ने चिट्ठी में लिखा है कि भारत में टीकाकरण को लेकर कोई संदेह नहीं रहा है, लेकिन कांग्रेस ने वैश्विक महामारी के दौरान टीकाकरण को लेकर संदेह पैदा करने की कोशिश की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विज्ञान में अटूट विश्वास, नवोन्मेष को समर्थन, सहकारी संघवाद के साथ वैश्विक महामारी से निपटा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि फरवरी, मार्च के आंकड़े बताएंगे कि कौन से राज्य कोविड के बढ़ते मामलों पर निगरानी रखने में नाकाम रहे। कांग्रेस शासित पंजाब जैसे राज्यों में मृत्युदर अधिक क्यों हैं? नड्डा ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान राहुल गांधी समेत कांग्रेस नेताओं का आचरण दोहरेपन और तुच्छता के लिए याद किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस की सोमवार को हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक में कोरोना वायरस की दूसरी लहर पर चर्चा की गई थी। बैठक के बाद पारित प्रस्ताव में सीडब्ल्यूसी ने कोरोना महामारी की दूसरी लहर को केंद्र सरकार की उदासीनता, असंवेदनशीलता और अक्षमता का प्रत्यक्ष परिणाम बताया। प्रस्ताव में कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी को अपनी गलतियों के लिए प्रायश्चित करना चाहिए।