श्रीनगर । नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अबदुल्ला और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के महासचिव तथा पार्टी के जम्मू कश्मीर के प्रभारी राम माधव के बीच राज्य के ताजा राजनीतिक हालात को लेकर ट्विटर पर जुबानी जंग छिड़ी हुयी है।
अब्दुल्ला ने भाजपा के गठबंधन से समर्थन वापस लेने के बाद मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के इस्तीफे और गठबंधन के अल्पमत में आने की घटना को ‘नौटंकी’ करार देते हुए कहा कि इसकी पटकथा दोनों पार्टियों ने मिलकर तैयार की और इसे अंजाम दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने विधायकों की खरीद फरोख्त को बढ़ावा देने के लिए विधानसभा काे निलंबित रखा है। हालांकि श्री राम माधव ने इस बात का पुरजोर खंडन किया है।
पूर्व मुख्यमंत्री श्री अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा तुरंत भंग कर राज्य में चुनाव कराने की मांग करते हुए कहा है कि केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा पर विश्वास नहीं किया जा सकता है क्योंकि वह सरकार बनाने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त कर सकती है। भाजपा ने इन आरोपों से साफ इंकार किया है लेकिन इसके कई नेताओं ने संकेत दिये कि राज्य विशेषकर घाटी में स्थिति में सुधार होने के बाद नयी सरकार का गठन हो सकता है।
महबूबा मुफ्ती के अनुरोध पर केंद्र की आेर से घाटी में ‘रमजान संघर्षविराम’ की घोषणा की गयी लेकिन इस दौरान आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि दर्ज की गयी। हालांकि सुश्री मुफ्ती इसको जारी रखने के पक्ष में थीं लेकिन भाजपा ने सरकार से समर्थन वापस लेकर राज्यपाल शासन का मार्ग प्रशस्त कर दिया।
अब्दुल्ला ने हाल में ट्वीट किया की जम्मू- कश्मीर विधानसभा को तत्काल भंग कर दिया जाना चाहिए और जल्द से जल्द चुनाव कराये जाने चाहिए। भाजपा पर यह विश्वास नहीं किया जा सकता कि वह विधायकों की खरीद-फरोख्त नहीं करेगी।
उन्होंने यह प्रतिक्रिया भाजपा नेता एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री कविन्द्र गुप्ता के उस बयान पर व्यक्त की जिसमें कहा गया है कि की मैं नहीं समझता कि जल्द नयी सरकार का गठन हो पायेगा। अनिश्चितता की स्थिति है लेकिन हम कुछ कर रहे हैं और लोगों को इस बारे में पता चल जाएगा।
अब्दुल्ला ने कहा की इसका क्या मतलब है कि हम कुछ कर रहे हैं ? इस ‘कुछ’ का मतलब केवल यह हो सकता है कि दूसरे दलों को तोड़ कर भाजपा की सरकार बनाने के लिए आवश्यक संख्या बल जुटाया जाये। क्या पूर्व उप मुख्यमंत्री ने गलती से रहस्योद्घाटन कर दिया अबदुल्ला ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और भाजपा पर तंज कसते हुए कहा है कि दोनों ने विवादित बॉलीवुड सिनेमा से प्रेरणा लेते हुए ‘तलाक’ (गठबंधन तोड़ने) की पटकथा लिखी।
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा की पीडीपी और भाजपा अपनी राजनीतिक रणनीति को बनाने के लिए बॉलीवुड फिल्मों को देख रही थी। उन्होंने अपना तलाक (गठबंधन तोड़ने का निर्णय) कुछ इसी तरह तैयार किया। एक शानदार फिक्स स्क्रिप्ट तैयार की गयी लेकिन उन्हें समझना चाहिए कि जनता और हम लोग बेवकूफ नहीं हैं जो उनके नाटक को समझ न पाएं।”
राम माधव ने अब्दुल्ला पर पलटवार करते हुए ट्वीट कर पूछा की वह (उमर अब्दुल्ला) इतना डरे हुए क्यों है? मुझे यकीन है कि उनके पार्टी के लोग उसके प्रति वफादार हैं। हमारी ओर से खरीद-फरोख्त का कोई सवाल नहीं है। हमने देखा है कि जम्मू-कश्मीर में उनकी पार्टी के तहत किस तरह (विधायकों की) खरीद-फरोख्त हुआ, किसी को भी इतिहास को नहीं भूलना चाहिए।
इस पर अब्दुल्ला ने जवाब में एक और ट्वीट कर कहा की मुझे अपने विधायकों काे लेकर कोई संदेह नहीं है लेकिन हम सभी जानते हैं कि मुफ्ती साहब (सुश्री मुफ्ती के पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद) के निधन के बाद पीडीपी में क्या हुआ और महबूबा मुफ्ती पर किस कदर दबाव बनाया गया।
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा की तब विधानसभा को भंग क्यों नहीं किया जाता? यदि राम माधव की बातों में सच्चाई है कि खरीद-फरोख्त का सवाल नहीं है और स्पष्ट रूप से कोई नया गठबंधन नहीं बनाया जा रहा है तो विधानसभा को भंग किया जाना चाहिए। इसे निलंबित रखने से दलालों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।