अजमेर। राजस्थान के अजमेर में महान सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 808वें सालाना उर्स के मुबारक मौके पर शुक्रवार को जुम्मे की बड़ी नमाज अदा की गई, जिसमें देश दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों से आए करीब सवा लाख से ज्यादा जायरीनों ने ख्वाजा गरीब नवाज के सजदे में सर झुकाए और नमाज अदा की।
उर्स के मोहम्मदी जुम्मे पर शहर काजी मौलाना तौसीफ अहमद सिद्दीकी ने सामूहिक नमाज अदा कराई। नमाज की शुरुआत दरगाह स्थित शाहजहांनी मस्जिद में जुम्मे की अजान के साथ हुई और उसके बाद खुतबा हुआ। ठीक डेढ़ बजे दरगाह के पीछे पहाड़ी पर स्थित बड़े पीर साहब की दरगाह से तोप दागी गई जिसके साथ ही अकीदतमंदों ने सुन्नत अदा की।
दूसरी तोप के संकेत के साथ खुतबे की अजान हुई और मौलाना तौसीफ अहमद ने खुतबा-ए-जुम्मा पढ़ा। इसी क्रम में तीसरी तोप दागने के साथ ही जुम्मे की सामूहिक नमाज़ शुरू हो गई।
खचाखच भरी दरगाह और फिर सड़कों पर सफे बनाकर बैठे सभी नमाजी मुसलमान ख्वाजा गरीब नवाज की इबादत में डूबे नजर आए। सफे बनाने का सिलसिला आस्ताना शरीफ से खुद्दाम-ए-ख्वाजा ने शुरू किया जो धीरे धीरे दरगाह के निजामगेट से निकलकर सड़कों पर आ गया।
दरगाह के नजदीकी ढाई दिन के झोंपड़े, नला बाजार, दरगाह बाजार, धानमंडी होते हुए दिल्ली गेट के बाहर गंज थाने के नजदीक तक जायरीन नमाज अदा करते हुए देखे गए। सभी ने बड़ी सब्र के साथ नमाज अदा की और दुआ में हाथ उठाए।
उर्स के दौरान जुम्मे की नमाज के खास धार्मिक महत्व को देखते हुए अजमेर के अन्य अकबरी मस्जिद, संदली दरवाजा, चिल्ला कुतुब साहब, मस्जिद घंटाघर, मस्जिद कचहरी, ऋषि घाटी चिल्ला, सोलहखंबा, आनासागर बाईपास सड़क के अलावा दरगाह से करीब बारह किलोमीटर दूर कायड़ विश्राम स्थली पर भी जायरीनों ने नमाज अदा की। शहर के समीपवर्ती मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों गगवाना, सोमलपुर, पीसांगन, ब्यावर आदि स्थानों से भी मुस्लिम बिरादरी ने अजमेर पहुंचकर नमाज में शिरकत की।
इस दौरान दौरान दरगाह कमेटी, दोनों अंजुमन कमेटियों, जिला एवं पुलिस प्रशासन ने मुस्तैदी के साथ अपने दायित्व को निभाया। नमाज खत्म होते ही पूरी दरगाह में धक्का मुक्की का आलम देखा गया जिस पर मेला मजिस्ट्रेटों तथा ड्यूटी पर तैनात पुलिस के जवानों ने प्रभावी नियंत्रण बनाया।
उर्स में शिरकत करने एक लाख लोग अजमेर पहुंचे
अजमेर के सूफीसंत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती का 808वां सालाना उर्स पूरे परवान पर है, उर्स में शिरकत करने के लिए एक लाख से ज्यादा लोग अजमेर शरीफ पहुंच चुके हैं।
आशिकाना-ए-ख्वाजा के आने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। देश के विभिन्न राज्यों उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, आन्ध्रप्रदेश, तेलंगाना, बिहार, बंगाल, मध्यप्रदेश के अलावा राजस्थान के हिस्सों से भी अकीदतमंदों की आवक हो रही है। दरगाह कमेटी की विश्राम स्थली पर सुबह तक एकहजार से ज्यादा बसों का आना दर्ज किया गया है।
जिला प्रशासन और दरगाह कमेटी इनके खैरमकदम में कोई कमी नहीं रख रही है। खाने के पैकेट भी वाजिब दामों में मुहैया कराये जा रहे हैं। शुद्ध पीने का पानी, रौशनी का खास इंतजाम है।
कायड़ से दरगाह जाने वालों के लिए रोडवेज ने विशेष बसों का इंतजाम किया है। अजमेर शरीफ के लिये ‘उर्स स्पेशल’ ट्रेन विभिन्न मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों से चलाई जा रही है। उर्स के चलते अजमेर दरगाह शरीफ जायरीनों एवं रौशनी से आबाद है। पूरी रात कव्वालियों के दौर चल रहे हैं।
जायरीनों का तारागढ़ स्थित हजरत मीरां साहब की दरगाह एवं सरवाड़ शरीफ स्थित ख्वाजा फखरुद्दीन चिश्ती की दरगाह में भी हाजरी देने वालों का तांता लगा है। दोनों ही स्थानों पर मेले जैसा माहौल है।
अजमेर दरगाह शरीफ में चादर चढ़ाने का सिलसिला भी बरकरार है। शुक्रवार को जुम्मे की बड़ी नमाज के चलते किसी विशिष्ट व्यक्ति की चादर भी नहीं चढ़ाई जा सकेगी। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फण्डनवीस की 29 तारीख को एवं सोनिया गांधी की एक मार्च को चादर पेश होगी। पड़ौसी मुल्क पाकिस्तान से जायरीनों का जत्था रात आठ बजे अजमेर पहुंच रहा है।