नई दिल्ली। केन्द्रीय जांच ब्यूरो के निदेशक आलोक वर्मा के भविष्य का फैसला करने वाली उच्चाधिकार प्राप्त समिति में उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश एके सिकरी को शामिल किया गया है।
समिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे होंगे, जबकि उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की ओर से न्यायमूर्ति सिकरी समिति में शामिल होंगे।
उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर वर्मा ने बुधवार को फिर सीबीआई प्रमुख का कार्यभार संभाल लिया। वर्मा को केंद्रीय सतर्कता आयोग ने छुट्टी पर भेज दिया था। शीर्ष न्यायालय ने वर्मा को फिर से सीबीआई के प्रमुख का पद संभालने का निर्देश देने के साथ ही कहा है कि वह कोई बड़ा नीतिगत फैसला नहीं कर सकते हैं।
शीर्ष अदालत ने मंगलवार को इस मामले में केंद्र सरकार के उस आदेश को खारिज कर दिया था जिसमें वर्मा को सीबीआई के प्रमुख के दायित्व से हटा दिया गया था। न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि इस मामले को सरकार को चयन समिति को भेजना चाहिए था।
शीर्ष न्यायालय ने चयन समिति की बैठक सात दिन के भीतर बुलाए जाने और वर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की सीवीसी जांच के आधार पर फैसला करने का निर्देश दिया था।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई द्वारा लिखे गए इस फैसले को न्यायमूर्ति संजय किशन कौल ने फैसला सुनाया था, हालांकि वर्मा को कोई भी महत्वपूर्ण फैसला लेने से रोक दिया गया है। वर्मा का सीबीआई के निदेशक के रूप में कार्यकाल इसी महीने खत्म हो रहा है। वर्मा और सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के एक दूसरे के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद यह विवाद उत्पन्न हुआ था।