नई दिल्ली । उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश रंजन गोगोई ने देश के 46वें मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के रूप में आज शपथ ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन के ऐतिहासिक दरबार हॉल में कई गणमान्य लोगों की उपस्थिति में उन्हें सीजेआई पद की शपथ दिलाई।
वह न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा का स्थान लेंगे, जो कल सेवानिवृत्त हुए हैं। न्यायमूर्ति गोगोई का 13 महीने से थोड़ी अधिक अवधि का कार्यकाल होगा और वह अगले वर्ष 17 नवंबर को सेवानिवृत होंगे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, एच.डी. देवेगौड़ा, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, उच्चतम न्यायालय और दिल्ली उच्च न्यायालय के कई न्यायाधीश और एटर्नी के. के. वेणुगोपाल तथा कई मंत्री उपस्थित थे।
शपथ लेने के बाद न्यायमूर्ति गोगोई ने अपनी मां शांति गोगोई के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। 18 नवंबर, 1954 को जन्मे न्यायमूर्ति गोगोई ने 1978 में वकालत पेशे की शुरुआत की थी। उन्होंने गौहाटी उच्च न्यायालय में संवैधानिक, कराधान और कंपनी मामलों में वकालत की।
उन्हें 28 फरवरी, 2001 को गौहाटी उच्च न्यायालय का स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। नौ सितंबर, 2010 को उनका तबादला पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में हो गया। उन्हें 12 फरवरी, 2011 को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। उन्हें पदोन्नति देकर 23 अप्रैल, 2012 को सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था।
न्यायमूर्ति मिश्रा ने मुख्य न्यायाधीश के बाद के वरिष्ठतम न्यायाधीश के नाम की सिफारिश करने की परंपरा के अनुसार पिछले महीने के शुरू में ही न्यायमूर्ति गोगोई के नाम की सिफारिश अपने उत्तराधिकारी के तौर पर की थी।