इंदौर। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा भारतीय जनता पार्टी की महिला नेता एवं मंत्री इमरती देवी को लेकर की गई अशोभनिय टिप्पणी पर गरमाई सियासत के बीच भाजपा नेता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज यहां कांग्रेस के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया।
सिंधिया ने यहां पुलिस मुख्यालय के सामने स्थित गांधी प्रतिमा पर स्थानीय भाजपा की महिला कार्यकर्ताओं के साथ मौन धरना पर कुछ देर बैठे। इसके बाद उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि कमलनाथ ने इमरती देवी के विरुद्ध अपमानजनक टिप्पणी करके न केवल समस्त महिलाओं को बल्कि अनुसूचित जाति वर्ग को भी अपमानित किया है।
उन्होंने कांग्रेस आलाकमान से कमलनाथ को पद से हटाने की मांग करते हुए कहा कि इस तरह के व्यवहार के बावजूद यदि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी कमलनाथ पर कार्रवाई नहीं करती, तब उनकी कथनी और करनी का फर्क जनमानस के बीच स्पष्ट हो जाएगा।
सिंधिया ने मध्यप्रदेश कांग्रेस इकाई के शीर्ष नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस नेता लगातार भाजपा नेताओं और मेरे खिलाफ अमर्यादित भाषा का उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा बड़े नेताओं की इस तरह की भाषा से उनके कार्यकर्ताओं पर क्या प्रभाव पड़ता होगा। उन्होंने कहा कि राजनीतिक पार्टियों के नेताओं को अपने प्रतिद्वंदियों के विरुद्ध संयमित, संसदीय भाषा का ही उपयोग करना चाहिए।
भाजपा का मौन उपवास समझ से परे : दिग्विजय
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भारतीय जनता पार्टी नेताओं द्वारा किए गए मौन उपवास को लेकर आज कहा कि उनका मौन रखने का निर्णय उनकी समझ से परे है।
सिंह ने अपने ट्वीट के जरिए कहा कि कमलनाथ जी ने किस संदर्भ में इमरती देवी जी को आइटम कहा मैं नहीं जानता। लेकिन विरोध में भाजपा ने मौन रखने का निर्णय समझ से परे है। जब हाथरस में दलित युवती का बलात्कार हुआ तब भाजपा द्वारा एक शब्द इस घटना के ख़िलाफ़ में क्यों नहीं निकला। मामा मदारी का रोल ना करो नाटक नौटंकी बंद करो।