नयी दिल्ली । मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने सरकार द्वारा हाल में विभिन्न फसलों के लिए तय किये समर्थन मूल्य (एमएसपी) को अपर्याप्त बताते हुये आज संसद परिसर में प्रदर्शन किया और कहा कि वह शुक्रवार को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान भी मुद्दे को उठायेगी।
कांग्रेस के सांसदों ने सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले संसद परिसर के अंदर संसद के गेट पर हाथों में मक्का लेकर प्रदर्शन किया। वे “एमएसपी नहीं यह धोखा है” के नारे लगा रहे थे।
कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आरोप लगाया कि सरकार ने फसलों का समर्थन मूल्य बढ़ाने का ढोंग किया है। पिछले चार साल में समर्थन मूल्य नहीं बढ़ाया गया और अब चुनावी साल में सरकार एमएसपी के नाम पर वास्तविक लागत मूल्य से मात्र 10 प्रतिशत ज्यादा कीमत दे रही है। उन्होंने कहा कि चार साल में उर्वरक और डीजल की कीमतों में काफी बढ़ोतरी हुई है और किसानों की लागत तय करते समय इन तथ्यों की अनदेखी की गयी।
सिंधिया ने कहा कि सरकार ने पहले डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन द्वारा सुझाये गये सी-2 फॉर्मूला के आधार पर लागत तय करने और उस पर डेढ़ गुणा एमएसपी देने की बात कही थी। लेकिन, उसने ए2 प्लस एफएल फॉर्मूला पर लागत की गणना कर उससे डेढ़ गुणा एमएसपी तय किया। इस प्रकार उसने किसानों के साथ धोखा किया है।
उल्लेखनीय है कि ए2 प्लस एफएल में किसान की फसल विशेष पर लागत और परिवार के सदस्यों के श्रम को जोड़ा जाता है। सी2 फॉमूला में जमीन का किराया तथा अन्य कई कारकों को भी शामिल किया जाता है जिससे लागत मूल्य काफी बढ़ जाता है।
कांग्रेस सांसद ने कहा कि शुक्रवार को मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर सदन में चर्चा के दौरान भी पार्टी इस मुद्दे को उठायेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने अपना एक भी वादा पूरा नहीं किया है। किसान आत्महत्या कर रहे हैं, दिल्ली बलात्कार की राजधानी बन गयी है, लेकिन प्रधानमंत्री को इनकी कोई चिंता नहीं है। उन्होंने कहा कि अगले चुनाव में किसान भारतीय जनता पार्टी को जमीन पर ला देंगे।
पंजाब से कांग्रेसी सांसद सुनिल कुमार जाखड़ ने दावा किया कि किसानों को घोषित एमएसपी भी नहीं मिल पा रहा। उन्होंने कहा कि पंजाब की मंडियों के 16 जुलाई के मूल्यों की सूची दिखाते हुये कहा कि मक्का 900 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है जबकि इसका एमएसपी 1,600 रुपये तय किया गया है। सरकार बताये कि किसान एमएसपी पर मक्का बेचने के लिए कहाँ जायें।