काबुल। इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया की पत्रिका साॅत-अल-हिंद ने दावा किया है कि पिछले महीने काबुल हवाई अड्डे के बाहर भीड़ के बीच विस्फोट कर खुद को उड़ा लेने वाले आत्मघाती हमलावर को पांच साल पहले दिल्ली में गिरफ्तार किया गया था, जब वह भारत में हमले की योजना बना रहा था और बाद में उसे अफगानिस्तान भेज दिया गया था।
सोशल मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आईएस समर्थक साॅत-अल-हिंद के ताजा अंक में कहा गया है कि इस्लामिक स्टेट-खोरासान के आत्मघाती हमलावर को पांच साल पहले दिल्ली में गिरफ्तार किया गया था, कैद की सजा दी गई थी और बाद में वापस अफगानिस्तान भेज दिया गया था।
पत्रिका ने 26 अगस्त को काबुल हवाई अड्डे के बाहर आत्मघाती विस्फोट करने वाले हमलावर को ‘खलीफा का एक सैनिक, अब्दुर रहमान अल-लोगरी’ बताया है। साॅत-अल-हिंद तालिबान को ‘मुर्तद’ के रूप में भी संदर्भित करता है, जिसका अर्थ है विधर्मी यानी जो इस्लाम से पीछे हट गया हो।
पत्रिका ने कहा कि अल्लाह के करम से, खलीफा के एक सैनिक, अब्दुर रहमान अल-लोगरी ने एक इस्तिशादी (शहादत) अभियान चलाया, जिसके परिणामस्वरूप 250 लोगों की मौत हो गयी, जिनमें 13 अमेरिकी नौसैनिक और कई मुर्तद तालिबान लड़ाके शामिल हैं।
उसने कहा कि भाई को पांच साल पहले भारत में गिरफ्तार किया गया था, जब वह कश्मीर का बदला लेने के लिए गाय की पूजा करने वाले हिंदुओं के खिलाफ एक इस्तिशादी अभियान के लिए दिल्ली गया था लेकिन अल्लाह ने कुछ और ही फैसला किया था। भाई को कारावास की सजा दी गयी और अफगानिस्तान भेज दिया गया।
गौरतलब है कि 26 अगस्त को हुए आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी आईएस-खोरासन ने ली थी, जिसमें 13 अमरीकी सैनिकों सहित लगभग 200 लोग मारे गए थे और कई लोग घायल हो गए थे। आत्मघाती हमलावर ने अफगानिस्तान पर तालिबान की जीत के बाद देश छोड़कर जाने के लिए काबुल के हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के फाटकों के बाहर एकत्रित भारी भीड़ के बीच विस्फोट करके खुद को उड़ा लिया था।