अजमेर। हरियाली अमावस्या के मौके पर हरि राधा-कृष्ण सखा परिवार की ओर से लोहागल रोड स्थित पुष्कर गौ आदी पशुशाला में गौमाता के सान्निध्य में कल्पवृक्ष का पूजन किया गया। महिलाएं सतरंगे लहरिये की छटाएं बिखेरते हुए पूजन में शामिल हुईं।
इस अवसर पर पारिवारिक चर्चा में बताया गया कि श्रावण कृष्ण अमावस्या को हरियाली अमावस्या के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहर सावन का उत्साह मनाने का पर्व है और इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को प्रकृति के करीब लाना है। इसके पीछे वृक्षों को संरक्षित रखने की भावना निहित है।
पर्यावरण को शुद्ध बनाए रखने के लिए ही हरियाली अमावस्या के दिन पौधारोपण करने की प्रथा बनी। इस दिन कई शहरों व गांवों में हरियाली अमावस्या के मेलों का आयोजन किया जाता है। इसमें सभी वर्ग के लोगों के साथ युवा भी शामिल हो उत्सव व आनंद से पर्व मनाते हैं।
श्रावण मास में महादेव के पूजन का विशेष महत्व है इसीलिए हरियाली अमावस्या पर विशेष तौर पर शिवजी का पूजन-अर्चन किया जाता है। यह अमावस्या पर्यावरण के संरक्षण के महत्व व आवश्यकता को भी प्रदर्शित करती है।
संयोजक उमेश गर्ग ने बताया कि इस अवसर पर ओमप्रकाश मंगल, सत्यनारायण पालीवाल, लक्ष्मीनारायण हटूका, विष्णुप्रकाश गर्ग, पवन फतेहपुरिया, किशनचंद बंसल, लक्ष्मीनारायण गनेड़ीवाल, अनिल गर्ग, शिवशंकर फतेहपुरिया राजेंद्र अग्रवाल, विष्णुप्रकाश गर्ग, भीमसेन अग्रवाल, ईश्वरचंद्र अग्रवाल, रमेश मित्तल, श्रीमती हेमलता मंगल, ममता गर्ग, प्रभा बंसल आदि सपरिवार उपस्थित रहे। विधि-विधानपूर्वक कल्पवृक्ष के जोड़े का पूजन किया गया। समापन पर सहभोज का आयोजन किया गया।