भोपाल । मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री कमलनाथ के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा का कहना है कि राज्य की मौजूदा कमलनाथ सरकार ने अपने कार्यकाल में जनसेवा की ऐसी नयी संस्कृति विकसित की है, जो बगैर किसी शाेरशराबे के सिर्फ और सिर्फ जनता के हित में विचार करते हुए कार्य कर रही है।
कमलनाथ सरकार के एक सौ दिनों का कार्यकाल पूर्ण होने पर सलूजा ने आज यूनीवार्ता से कहा कि कमलनाथ ने नवंबर दिसंबर 2018 में संपन्न विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की ऐतिहासिक विजय सुनिश्चित कर न सिर्फ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पंद्रह वर्षों के शासन का अंत किया, बल्कि सत्ता संभालते ही कांग्रेस के वचनपत्र में शामिल एक एक बिंदु पर अमल शुरू किया। इसी का नतीजा है कि उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के एक घंटे के अंदर ही बहुचर्चित किसान कर्जमाफी संबंधी योजना के आदेश पर सबसे पहले दस्तखत किए।
कमलनाथ ने मुख्यमंत्री के रूप में 17 दिसंबर को शपथ ली थी और मंत्रिमंडल का गठन 25 दिसंबर को 28 मंत्रियों की शपथ के साथ हुआ था। मंत्रिमंडल के गठन के बाद से अब लोकसभा चुनाव की तैयारियों के शोर के बीच तीन अप्रैल को कमलनाथ सरकार कार्यकाल के एक सौ दिन पूरा कर रही है।
लगभग ढाई दशक से कमलनाथ के साथ कार्य कर रहे सलूजा ने बताया कि कमलनाथ चार दशकों से अधिक समय से राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय रहे और इस दौरान उन्होंने केंद्रीय नेतृत्व के साथ संगठन और सत्ता स्तर पर अनगिनत चुनौतियों का डटकर मुकाबला किया। चुनौतियों को स्वीकार करना और बड़े ही आत्मविश्वास के साथ उन पर विजय पाना कमलनाथ की खूबी है।
उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष विधानसभा चुनाव के लगभग छह माह पहले जब कमलनाथ को प्रदेश अध्यक्ष पद की कमान सौंपी गयी थी, तब किसी को सहज विश्वास ही नहीं हो पाता था कि प्रदेश संगठन राज्य में 15 वर्षों से सत्तारूढ़ दल भाजपा का मुकाबला कर उसे पराजित कर देगा, लेकिन कमलनाथ प्रारंभ से कहते आ रहे थे कि कांग्रेस इस चुनाव में विजय हासिल करेगी।
सलूजा का कहना है कि वे सिर्फ कह नहीं रहे थे, बल्कि उन्होंने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में लगातार घंटों बैठकर संगठन काे फिर से सक्रिय किया और कार्यकर्ताओं तथा नेताओं से सीधा संवाद स्थापित कर उनमें नयी ऊर्जा का संचार किया। यही वजह रही कि चुनाव में कांग्रेस की विजय के बाद सरकार बनी और अब लोकसभा चुनाव में भी संगठन भाजपा के साथ मजबूती से दो दो हाथ करने तैयार है। कहने का तात्पर्य यह है कि कमलनाथ आत्मविश्वास से भरे हुए हैं और उनका भविष्य का आकलन काफी सटीक बैठता है।
प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के मीडिया समन्वयक सलूजा ने कहा कि मुख्यमंत्री पद पर काबिज होने के बाद कमलनाथ ने एक पल भी व्यर्थ नहीं गंवाया। उनके समक्ष प्रशासन में कसावट लाने के साथ ही वचनपत्र में दिए गए वचनों को पूर्ण करने की सबसे बड़ी चुनौती थी। खासतौर से गंभीर वित्तीय स्थिति के बावजूद किसानों के दो लाख रूपए तक के कर्जमाफ करने के वचन पर बेहतर ढंग से अमल सुनिश्चित करना, लेकिन उन्होंने यह भी कर दिखाया। राज्य में अब तक 23 लाख 48 हजार किसानों के कर्ज माफ हो चुके हैं।
सलूजा ने बताया कि कुल लगभग 50 लाख किसानों के कर्ज माफ किए जाने हैं। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आदर्श आचार संहिता लग जाने के कारण यह कार्य फिलहाल रूक गया है, लेकिन चुनाव कार्य पूर्ण होने पर सरकार फिर से इस पर कार्य जारी रखेगी और सभी सभी ऐसे किसानों के कर्ज माफ किए जाएंगे। कांग्रेस की मौजूदा सरकार अपने वचनपत्र के 83 वचनों को पूरा कर चुकी है। राज्य सरकार ने एक हजार गौशालाएं खोलने का निर्णय लिया है। इसके अलावा आध्यात्म विभाग का गठन कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि खास बात यह है कि मौजूदा सरकार ने अपनी उपलब्धियां बताने के लिए ना तो प्रचार प्रसार की रणनीति अपनायी और न ही जलसे आदि किए। जैसा पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के कार्यकाल में होता आया था। उनका आरोप है कि उस समय काम वास्तव में नहीं होकर सिर्फ कागजों और विज्ञापनों में दिखते थे, लेकिन नयी सरकार के कार्यों के बारे में स्वयं हितग्राही बाेल रहे हैं। यही सरकार की कार्य करने की रणनीति है।
सलूजा ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों के कर्ज माफ करने के अलावा युवाओं को रोजगार मुहैया कराने संबंधी कार्यों पर सबसे अधिक ध्यान दिया। उद्योग नीति में संशोधन कर तय किया गया कि नये उद्योग स्थापित होेने पर 70 प्रतिशत स्थानीय युवाओं को रोजगार अनिवार्य रूप से देना होगा। युवाओं में कौशल विकास की जिम्मेदारी सरकार निभाएगी। युवा स्वाभिमान योजना भी शुरू की गयी, जिसके माध्यम से युवाओं को एक सौ दिनों की रोजगार गारंटी देने की व्यवस्था की गयी। इसके तहत युवाओं को प्रतिमाह चार हजार रूपए स्टाइपेंड और कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इंदिरा गृह ज्योति योजना के तहत पात्र घरेलू उपभोक्ताओं को 100 यूनिट तक की खपत पर अधिकतम 100 रूपए बिजली का बिल और 100 यूनिट से अधिक बिजली उपयोग करने पर 200 रूपए का बिजली बिल चुकाना होगा। शेष राशि का वहन राज्य सरकार करेगी। किसानों को 10 हॉर्स पॉवर पंपों के लिए आधी दरों पर बिजली उपलब्ध कराने के आदेश भी जारी हुए हैं। इस वजह से किसानों को प्रतिवर्ष 1400 रूपए के स्थान पर 700 रूपए ही देना होेंगे। किसानों को अन्य रियायतें भी प्रदान की गयी हैं।
सलूजा ने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता में किसान और युवाओं के अलावा महिलाएं, अन्य पिछड़ा वर्ग, आदिवासी और प्रत्येक वे लोग हैं, जो अभी तक अभाव में जीवन बिताते आ रहे हैं। इसलिए अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण का फैसला मौजूदा सरकार ने लिया। सामाजिक सुरक्षा पेंशन को दोगुना कर 600 रूपए प्रतिमाह कर दिया गया है। गरीब परिवारों की बेटियों के विवाह पर मिलने वाली राशि 28 हजार रूपए से बढ़ाकर 51 हजार रूपए कर दी गयी है।
उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश की सुविधा शुरू की गयी है। पुलिस बल में भर्ती की प्रक्रिया भी शुरू की जा रही है। राज्य सरकार लगभग 60 हजार भर्तियां विभिन्न स्तरों पर करेगी। अनुसूचित जनजाति बहुल जिलों में गोंडी बोली को प्राथमिक शिक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल किया जा रहा है। नौ अगस्त को अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी दिवस पर शासकीय अवकाश घोषित किया गया है।
सलूजा का कहना है कि नयी कार्य संस्कृति की बदौलत मौजूदा सरकार पांच सालों में कांग्रेस के विजन के अनुरूप नया और विकसित मध्यप्रदेश बनाएगी।