मुंबई। अभिनेत्री कंगना रनौत ने पाली हिल्स स्थित कार्यालय तोड़े जाने के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर हमले तेज कर दिए हैं और गुरुवार को उनका नाम लिए बिना निशाना साधते हुए कहा कि वह (ठाकरे) कुछ नहीं, सिर्फ़ वंशवाद का एक नमूना भर हैं।
अभिनेत्री ने आज कई ट्वीट किए। उन्होंने किसी के नाम का उल्लेख किए बिना लिखा कि तुम्हारे पिताजी के अच्छे कर्म तुम्हें दौलत तो दे सकते हैं मगर सम्मान तुम्हें खुद कमाना पड़ता है, मेरा मुंह बंद करोगे मगर मेरी आवाज़ मेरे बाद सौ फिर लाखों में गूंजेगी, कितने मुँह बंद करोगे? कितनी आवाज़ें दबाओगे? कब तक सच्चाई से भागोगे तुम कुछ नहीं हों सिर्फ़ वंशवाद का एक नमूना हो।
कंगना ने आगे कहा कि मैं इस बात को विशेष रूप से स्पष्ट करना चाहती हूं कि महाराष्ट्र के लोग सरकार द्वारा की गई गुंडागर्दी की निंदा करते हैं, मेरे मराठी शुभचिंतकों के बहुत फ़ोन आ रहे हैं, दुनिया या हिमाचल में लोगों के दिल में जो दुःख हुआ है, वे यह कतई ना सोचें कि मुझे यहाँ प्रेम और सम्मान नहीं मिलता। महाराष्ट्र सरकार की इस काली करतूत से दुनिया में मराठी संस्कृति और गौरव को ठेस नहीं पहुँचानी चाहिए. जय महाराष्ट्र।
उन्होंने लिखा कि जिस विचारधारा पर बाला साहेब ठाकरे ने शिव सेना का निर्माण किया था आज वो सत्ता के लिए उसी विचारधारा को बेच कर शिव सेना से सोनिया सेना बन चुके हैं, जिन गुंडों ने मेरे पीछे से मेरा घर तोड़ा उनको सिविक बॉडी मत बोलो, संविधान का इतना बड़ा अपमान मत करो।
कंगना हिमाचल प्रदेश की रहने वाली है और अभिनेत्री के कार्यालय पर तोडफ़ोड़ पर नाराजगी जताते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने ट्वीट किया कि हम हिमाचल की बेटी का अपमान सहन नहीं कर सकते। महाराष्ट्र सरकार ने हिमाचल की बेटी कंगना रनौत के साथ जो राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से अत्याचार किया है, वह अत्यंत चिंताजनक एवं निंदनीय है। हमारी सरकार व देश की जनता इस घटनाक्रम में हिमाचल की बेटी कंगना के साथ खड़ी है।
अभिनेत्री ने कल अपने कार्यालय पर तोड़फोड़ की कार्रवाई के बाद वीडियो जारी कर कहा था कि उद्धव ठाकरे तुझे क्या लगता है कि तूने फिल्म माफिया के साथ मिलकर, मेरा घर तोड़कर मुझसे बहुत बड़ा बदला लिया है? आज मेरा घर टूटा है, कल तेरा घमंड टूटे। ये वक्त का पहिया है, याद रखना, हमेशा एक जैसा नहीं रहता। सुशांत सिंह राजपूत की संदिग्ध मौत के बाद से कंगना निरंतर अपने बयानों को लेकर से चर्चा में हैं।
कंगना के कार्यालय पर तोड़फोड़ की कार्रवाई पर बाम्बे उच्च न्यायालय में फिर सुनवाई होनी है। कल न्यायालय ने सुनवाई कर तोड़फोड़ पर रोक लगाकर बृहन्मुंबई नगरपालिका को नोटिस जारी कर हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था।
कंगना ने गत सप्ताह कहा था कि वर्तमान की महाराष्ट्र सरकार के वक्त में उन्हें डर लगता है और मुंबई की तुलना पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से कर दी थी, जिसके बाद संजय राउत ने कहा था कि अगर कंगना को डर लगता है तो वह मुंबई नहीं आएं कंगना ने अपने साथ बढ़ते विवाद को देखते हुए सुरक्षा की मांग थी, जिसके बाद केंद्र की तरफ से उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई है।
बाम्बे उच्च न्यायालय ने कंगना के कार्यालय के तोड़फोड़ पर रोक लगा दी और बीएमसी से जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति एसजे काथावाला ने कल कंगना रणौत की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई की जिसमें उनके कार्यालय में अवैध निर्माण के लिए बीएमसी की ओर से जारी नोटिस को चुनौती दी गई थी। न्यायालय ने बीएमसी को याचिका के जवाब में हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया।