कानपुर। उत्तर प्रदेश में कानपुर के घाटमपुर इलाके के भदरस गांव में रविवार की सुबह दिल दहला देने वाली खबर प्रकाश में आने के बाद जहां पुलिस आरोपियों की तलाश में जुट गई थी तो वही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी घटना का संज्ञान लेते हुए कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
पुलिस ने सोमवार की देर रात घटना का खुलासा कर दिया। घटना का सच जानने के बाद किसी की भी रूह कांप जाएगी। मासूम बच्ची का क्षत विक्षत शव मिलने के बाद पुलिस कड़ी से कड़ी जोड़ कर क्षेत्रीय लोगों से जानकारी एकत्र कर रही थी।
हाथ लगी एक जानकारी के आधार पर पुलिस ने गांव के ही अंकुल और बीरन को हिरासत में ले लिया। कड़ाई से पूछताछ में दोनों युवकों ने कहा कि चाचा परशुराम ने दोनों को बुलाकर कहा था कि उसने एक किताब में पढ़ा है कि अगर किसी बच्ची का कलेजा व लिवर वह अपनी पत्नी के साथ मिलकर खाएं तो संतान की प्राप्ति होगी।
परशुराम ने अपने भतीजे अंकुल को कुछ पैसे दिए। अंकुल ने पहले अपने दोस्त बीरन के साथ शराब पी और फिर पड़ोस में ही रहने वाली मासूम बच्ची हो पटाखा दिलाने के बहाने घर से लेकर आया। चाचा परशुराम के कहे अनुसार जंगल में पहले उसके साथ दुष्कर्म किया और फिर गला दबाकर मौत के घाट उतार दिया। बाद में पेट फाड़कर अंदर से सारे अंग निकाल लिए और चाचा परशुराम को ले जाकर दे दिए।
अंकुल ने बताया कि चाचा परशुराम ने चाची के साथ मिलकर बच्ची का कलेजा/लिवर खाया और बाकी अंग कुत्तेे को खिलाया। फिर पॉलिथीन में बांध कर फेंक दिया। अंकुल ने कहा कि चाचा ने इस काम के लिए उसको 500 और उसके साथी वीरन कुरील 1,000 रुपए देकर तैयार किया था।
पुलिस अधीक्षक ग्रामीण बृजेश श्रीवास्तव ने कहा कि परशुराम की शादी 1999 में हुई थी लेकिन उसे कोई संतान नहीं थी। संतान की चाहत में उसने अपने भतीजे अंकुल को बच्ची का कलेजा लाने के लिए तैयार किया। भतीजे ने अपने साथी वीरन कुरील का सहयोग लिया। घटना की पूरी जानकारी परशुराम व उसकी पत्नी सुनैना को भी थी। दोनों को हिरासत में ले लिया गया है और पूछताछ की जा रही है। अंकुल और वीरन कुरील को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।