मुंबई। भारतीय सिनेमा जगत के पहले शो मैन कहे जाने वाले राजकपूर का 70 साल पुराना आर के स्टूडियो 500 करोड़ रुपए में बिक सकता है। राजकपूर ने 1948 में उपनगरीय क्षेत्र चेंबूर में आरके स्टूडियो की स्थापना की थी। आरके स्टूडियो को बेचा जा रहा है।
बताया जा रहा है कि कपूर परिवार स्टूडियो बेचने के लिए बिल्डर्स, डेवलपर्स और कॉर्पोरेट्स से कॉन्टैक्ट में है। हर कोई इसके बारे में जानने के लिए उत्सुक है। लोग इसकी कीमत की भी चर्चा कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि आर के स्टूडियो 500 करोड़ में बिक सकता है। यह रकम कपूर परिवार के सदस्यों में बांटे जाने की भी चर्चा है।
कुछ दिन पहले ऋषि कपूर ने आरके स्टूडियो को बेचे जाने के फैसले की घोषणा की थी। ऋषि ने बताया था कि इसकी मरम्मत कराना आर्थिक रूप से व्यावहारिक नहीं है इसलिए कपूर परिवार ने इसे बेचने का फैसला किया है।
ऋषि कपूर ने स्टूडियो को आधुनिक टेक्नोलॉजी के साथ फिर से तैयार कराने की इच्छा व्यक्त की थी, लेकिन उनके बड़े भाई रणधीर कपूर ने कहा कि यह व्यवहारिक नहीं था। रणधीर कपूर ने कहा कि हां, हमने आरके स्टूडियो को बेचने का फैसला किया है। यह बिक्री के लिए उपलब्ध है।
कहा जा रहा है कि स्टूडियो बेचने की एक वजह यह भी है कि आजकल कोई भी इतनी दूर शूटिंग के लिए आना नहीं चाहता, क्योंकि उन्हें या तो अंधेरी या फिर गोरेगांव में लोकेशन आसानी से मिल जाती है। दो एकड़ में बने स्टूडियो में पिछले साल आग लग गई थी।
इस दौरान इसके कुछ हिस्से बुरी तरह जल गए थे। राज कपूर 90 फीसदी फिल्में इसी स्टूडियो में बनाते थे। आरके बैनर के तहत बनी फिल्मों में ‘आग’, ‘बरसात‘, ‘आवारा‘, ‘श्री 420‘, ‘जिस देश में गंगा बहती है‘, ‘मेरा नाम जोकर‘, ‘बॉबी’, ‘सत्यम शिव सुंदरम’, ‘राम तेरी गंगा मैली’ आदि शामिल हैं। आरके बैनर तले बनी आखिरी फिल्म ‘आ अब लौट चलें’ थीं, जिसे ऋषि कपूर ने निर्देशित किया था।