कराची। पाकिस्तान के कराची शहर में एक निजी स्कूल के शौचालय में छिपे हुए कैमरे के जरिए महिलाओं के वीडियो बनाए जाने का मामला सामने आया है। इसको लेकर संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने प्रांतीय शिक्षा विभाग को फटकार लगाई है।
एआरवाई न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार एफआईए की टीमें शुक्रवार को सफूरा गोठ क्षेत्र के स्कीम-33 में एक निजी स्कूल के बाहर चक्कर लगाती रहीं। यहां काम करने वालीं महिला कर्मचारियों की शिकायतों के बाद सिंध शिक्षा और साक्षरता विभाग को शौचालय बेसिन के पीछे से छिपा हुआ कैमरा मिला। इसके बाद परिसर को सील कर दिया।
शिक्षा विभाग द्वारा परिसर को ही सील किए जाने के कारण एफआईए की टीम स्कूल में प्रवेश नहीं कर सकी। एफआईए ने पहले की गई छापेमारी के बारे में एजेंसी और पुलिस को जानकारी नहीं देने के कारण मंत्रालय को आड़े हाथों लिया।
एजेंसी ने कहा कि अगर छापेमारी से पहले घटना के बारे में पहले उन्हें जानकारी दी गई होती, तो एफआईए की टीमें घटना पर अस्थायी रिपोर्ट तैयार कर सकती थी और यहां तक कि छिपे हुए कैमरों और डीवीआर का विश्लेषण भी किया जा सकता था।
सिंध शिक्षा विभाग ने शुक्रवार को एक निजी स्कूल के शौचालय में छिपे हुए कैमरे मिलने के बाद उसका पंजीकरण निलंबित कर दिया। शिक्षा विभाग द्वारा जारी एक अधिसूचना के हवाले से जियो न्यूज ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि छिपे हुए सीसीटीवी कैमरे पुरुषों के के साथ-साथ महिलाओं के शौचालय में भी चोरी-छिपे लगाए गए थे, जिसे शिक्षकों और विद्यार्थियों दोनों के द्वारा ही इस्तेमाल किया जाता था।
अधिकारियों ने पुष्टि की है कि कई महिलाओं ने कैमरों को लेकर विभाग में शिकायत दर्ज कराई थी। इस बीच, स्कूल प्रशासन ने कहा है कि शौचालय में कैमरे निगरानी रखे जाने के मकसद से लगाए गए थे।
संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) सिंध साइबर क्राइम जोन के प्रमुख इमरान रियाज ने कहा कि टीमें जांच करेगी कि वीडियो महिलाओं और बच्चों से जुड़े अश्लील सामग्रियों के लिए बनाए गए थे या इसके पीछे कोई अन्य मकसद था।