भरतपुर। राजस्थान में करौली के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रशांत अग्रवाल ने एक युवती से सामूहिक दुष्कर्म के दो आरोपियों को आजीवन कारावास तथा प्रत्येक को 1.20 लाख रूपए के जुर्माने से दंडित किया है।
लोक अभियोजक महेंद्र चतुर्वेदी के अनुसार करौली में सपोटरा थाना क्षेत्र के इस मामले में न्यायालय ने दुष्कर्म पीड़िता को आत्महत्या के लिए उकसाने वाली पड़ोसन युवती रेनू बैरवा को भी 10 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है।
गौरतलब है कि दुष्कर्म की इस वारदात के बाद तीनों दोषियों की प्रताड़ना के तंग आकर दुष्कर्म पीड़िता ने आत्महत्या कर ली थी। लोक अभियोजक महेंद्र चतुर्वेदी से प्राप्त जानकारी के अनुसार अप्रैल 2017 में सोनू बैरवा और लक्खी बैरवा पीड़िता को अपहरण कर ले गए और जंगल में नशीला पेय पिलाकर दुष्कर्म किया। बाद में युवती को करौली ले जाकर छोड़ दिया।
युवती ने करौली पुलिस को अपनी आप बीती बताई इसके बाद सपोटरा थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर चालान पेश किया। इस बीच पीड़िता की पड़ौसी रेनू ने उसे ताने मार मारकर प्रताड़ित किया जिससे उसने आत्महत्या कर ली।
लोक अभियोजक ने बताया कि अदालत में अभियोजन पक्ष की ओर से 21 गवाह और 24 दस्तावेज पेश किए गए। मामले की सुनवाई के बाद एडीजे प्रशांत अग्रवाल ने गैंगरेप के दोनों दोषियों को आजीवन कारावास और आत्महत्या के लिए उकसाने वाली रेनू को 10 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई। फैसले के बाद रेणू को भरतपुर महिला जेल भेजा गया है।