बेंगलुरु। कर्नाटक में किसकी सरकार बनेगी इसका फैसला राज्यपाल वजु भाई वाला को करना है और पूरे देश की निगाहें राजभवन पर टिकी है लेकिन आज इतिहास एक बार फिर पुराने घटनाक्रम की याद दिला रहा है।
इस घटना का जिक्र भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राममाधव ने अपने फेसबुक पोस्ट में किया है। बात 1996 की है जब एच डी देवेगौड़ा प्रधानमंत्री थे और वजूभाई वाला उस समय गुजरात भाजपा के अध्यक्ष थे।
गुजरात में भाजपा की सरकार थी और भाजपा नेता शंकर सिंह वाघेला ने पार्टी छोड़ने का एलान किया था। गुजरात में भाजपा सरकार को बहुमत साबित करना था लेकिन विधानसभा में काफी हंगामा हुआ, विपक्ष को विधानसभा अध्यक्ष ने सदन से बाहर कर दिया।
इसके बाद राज्यपाल ने विधानसभा को भंग करने की सिफारिश केन्द्र से कर दी थी और तत्कालीन प्रधानमंत्री देवेगौड़ा ने विधानसभा भंग करने की सिफारिश राष्ट्रपति से कर दी। बाइस साल पहले ये फैसला देवेगौड़ा ने लिया था।
उसके बाद भाजपा की सरकार चली गयी। एक साल बाद फिर भाजपा की सरकार बनी, उस समय भी वजूभाई वाला गुजरात भाजपा के अध्यक्ष थे।
अब स्थिति यह है कि सत्ता की चाबी वजूभाई वाला के पास है और देवेगौड़ा के पुत्र एचडी कुमार स्वामी सरकार बनाने का दावा पेश कर रहे हैं। अभी तक राज्यपाल की तरफ से कोई फैसला नहीं किया है। अब वही वजूभाई वाला कर्नाटक सरकार का फैसला करेंगे।