बेंगलूरु। बहुमत के लिए जरूरी विधायकों का समर्थन जुटाने में विफल रहे कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येद्दियुरप्पा ने आज विधानसभा में विश्वास मत प्रस्ताव पर मतदान से पहले ही अपने इस्तीफे की घोषणा कर दी।
येद्दियुरप्पा ने विधायकों के शपथ ग्रहण करने के बाद विश्वास मत प्रस्ताव पेश किया और उसके बाद अपने भावुक संबोधन के अंत में इस्तीफा देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि लाेकतंत्र में मतदाता ही सब कुछ होता है और वह उनके निर्णय को स्वीकार करते हैं।
येद्दियुरप्पा के इस्तीफे की घोषणा से पांच दिनों से सरकार के गठन को लेकर मचे घमासान का पटाक्षेप हो गया। येद्दियुरप्पा ने अपने संबोधन में कहा कि जब तक उनकी सांस चलेगी वह कर्नाटक के हितों के लिए काम करते रहेंगे।
अगला विधानसभा चुनाव पांच साल के बाद हो या उससे पहले भी हो सकते हैं और उन्हें भरोसा है कि वह उसमें बहुमत के साथ जीतकर आयेंगे। उन्होंने कहा कि इस अधिवेशन के बाद मैं राज्य में सभी जगह जाकर पूरा हाल बताऊंगा। मैं जनता का आभार व्यक्त करता हूं कि उसने इस बार के चुनाव में इतनी बड़ी संख्या में हमें जिताया।
इससे पहले आज सुबह विधानसभा का सत्र शुरू होने पर अस्थायी अध्यक्ष केजी बोपैया ने नव निर्वाचित विधायकों को सदन की सदस्यता की शपथ दिलाई।
विधानसभा की 224 सीटों में 222 सीट के लिए हुए चुनाव में भाजपा को 104 सीटें मिली हैं जबकि कांग्रेस को 78 तथा जनता दल(एस) को 37 सीटें और उसकी सहयोगी बहुजन समाज पार्टी को एक सीट मिली है।
एक सीट निर्दलीय को तथा एक अन्य पार्टी को मिली है। बहुमत साबित करने के लिए 111 विधायकों की जरूरत थी लेकिन येद्दियुरप्पा बहुमत जुटाने मे असफल रहे और उन्होंने इस्तीफे की घोषणा कर दी।