बेंगलुरू : कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से महादयी जल विवाद सुलझाने में मदद का आग्रह किया। यह जल विवाद कर्नाटक व भाजपा शासित गोवा के बीच चल रहा है। प्रधानमंत्री के राज्य के एक दिवसीय दौरे के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, “मैं अपनी जनता की तरफ से महादयी विवाद को सुलझाने में मदद का आग्रह करता हूं।”
सिद्धारमैया इससे पहले भी मामले को लेकर प्रधानमंत्री से दखल की मांग करते हुए कई पत्र लिख चुके हैं। वर्तमान में यह अंतरराज्यीय मुद्दा सर्वोच्च न्यायालय और महादयी जल विवाद अधिकरण के समक्ष है।
मोदी कर्नाटक भर में भाजपा की 90 दिवसीय यात्रा के समापन पर आयोजित एक रैली को संबोधित करने यहां आए हुए हैं।
कई कन्नड़ संगठनों ने रविवार को फ्रीडम पार्क में प्रदर्शन किया। ये संगठन मोदी से जल विवाद में हस्तक्षेप करने की मांग कर रहे हैं, जिससे राज्य के सूखा प्रभावित जिलों -बगलकोट, बेलगावी, धारवाड़ व गडग- में पेयजल की जरूरतें पूरी हो सकें।
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महादयी नदी 29 किलोमीटर कर्नाटक में और 52 किलोमीटर गोवा से होकर बहती है, लेकिन इसका जलग्रहण क्षेत्र कर्नाटक में 2032 किलोमीटर और गोवा में 1580 किलोमीटर है। इस नदी का उद्गम पश्चिमी घाट के भीमगढ़ में है, जो कर्नाटक के बेलगावी जिले में पड़ता है। यह गोवा से होते हुए अरब सागर में गिरती है।
कर्नाटक 2001 से ही गोवा से 76 हजार लाख घन फुट पानी छोड़ने को कह रहा है, ताकि लोगों की पेयजल व सिंचाई की जरूरतें पूरी हो सकें।
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कर्नाटक की महादयी की सहायक नदियों -कलसा व बंदुरी- पर दो नहरें बनाने की योजना है, जिससे चार जिलों को पानी की आपूर्ति की जा सके।
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