बेंगलूरु। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने सोमवार को यहां विधान सभा में विश्वास मत हासिल कर लिया। येदियुरप्पा के विश्वास मत प्रस्ताव पेश करने के बाद विधानसभा अध्यक्ष के आर रमेश कुमार ने विश्वास मत ध्वनिमत से पारित होने की घोषणा की।
राज्यपाल ने येदियुरप्पा को शुक्रवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने के बाद विश्वास मत हासिल करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया था। मुख्यमंत्री ने आज विश्वास मत प्रस्ताव रखने की बात कही, क्योंकि राज्य सरकार के कर्मचारियों को वेतन सुनिश्चित करने के लिए 31 जुलाई से पहले महत्वपूर्ण वित्त विधेयक पारित किया जाना है।
विधानसभा अध्यक्ष की ओर से रविवार को बागी 17 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के बाद सदन के 224 सदस्यों की संख्या घटकर 207 रह गई थी और पार्टी को बहुमत साबित करने के लिए 105 का आंकड़ा चाहिए था जिसे आसानी से हासिल कर लिया गया।
सिद्दारामैया ने भाजपा को लगाई कड़ी फटकार
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेसी नेता सिद्दारामैया ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी को विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार के कांग्रेस और जनता दल (सेक्यूलर) गठबंधन के 17 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने के फैसले की आलोचना करने पर कड़ी फटकार लगाई। पिछले सप्ताह पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी को विश्वास प्रस्ताव हासिल करना था।
सिद्दारामैया ने आज यहां विधान सभा सत्र शुरू होने से पहले संवाददाताओं से बातचीत करते हुए सवाल उठाया कि भाजपा पार्टी के सदस्य नहीं होने के बावजूद भाजपा क्यों बुरा महसूस कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने सत्तारूढ़ दलों के विधायकों को लुभाने के लिए ‘आपरेशन कमल’ चलाया और जद (एस)-कांग्रेस गठबंधन सरकार को गिराने की साजिश रची। इसी कारण बागी विधायकों को अयोग्य घोषित किया गया और जिसका लाभ भाजपा को मिला।
उन्होंने कहा जब हम इस घटनाक्रम के बारे में देखते हैं तो यह स्पष्ट होता है कि भाजपा की मदद के लिए 17 बागी विधायकों ने अपनी सीट छोड दी थी। यह कुछ नहीं है लेकिन भाजपा ने इस पर साजिश रची है। उन्होंने कहा बागी विधायकों के लिए यह कड़वा सबक है, क्योंकि वे अब 2023 तक चुनाव नहीं लड़ सकते।