बेंगलूरु। कर्नाटक विधानसभा चुनाव आ रहे परिणामों के पल पल बदलते रुझानों के बीच पिछड रही कांग्रेस ने अपने प्लान बी पर काम करना शुरू कर दिया है। बीजेपी सबसे अधिक सीटें लेकर पहले स्थान पर लेकिन बहुमत से थोडा पीछे रहती तथा कांग्रेस नंबर दो पर अटकती दिख रही है।
त्रिशंकु विधानसभा के हालात बनने बावजूद कांग्रेस कर्नाटक में सरकार बनाने की कोशिश में जुट गई है। इसके तहत वह तीसरे स्थान पर रही जेडीएस को समर्थन देकर सत्ता पर काबिज होने के फार्मूले पर आगे बढ रही है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने उनकी जेडीएस प्रमुख देवगौड़ा और उनके बेटे कुमारस्वामी दोनों के साथ फोन पर बात हुई है। उन्होंने बताया कि जेडीएस ने इस प्रस्ताव को स्वीकार किया है। आजाद ने कहा कि जेडीएस सरकार चलाएगी और कांग्रेस बाहर से समर्थन देगी। उन्होंने आगे कहा कि शाम को गवर्नर से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्यपाल से कहा जाएगा कि हमारे पास बीजेपी से ज्यादा सीटें हैं।
बहुमत का समीकरण गडबडाने के बावजूद चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आ रही है इससे सरकार बनाने और बहुमत साबित करने का पहला न्योता उसे मिल सकता है। लेकिन बहुमत का आंकडा न हो पाने से वह सरकार बना पाएगी या नहीं इस पर संशय के बादल मंडराने लगे हैं।
हालात को भांपते हुए यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी सक्रिय हो गई हैं और उन्होंने ही गुलाम नबी आजाद को कांग्रेस की ओर जेडीएस से बात करने को अधिकृत किया हुआ है। कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस देवगौड़ा के बेटे कुमारस्वामी को सीएम बनाने का प्रस्ताव दे सकती है। राजनीति के जानकार बताते हैं कि अब गेंद जेडीएस के पाले में हैं। वह कांग्रेस से हाथ मिलाती है या बीजेपी की तरफ से आॅफर मिलने पर उसके साथ मिलकर सरकार बनाएगी।
रणनीतिकारों का मानना है कि अगर बीजेपी भी सरकार बनाने के आंकड़े से पीछे रह जाती है तो कुमारस्वामी कांग्रेस के बजाए बीजेपी के साथ जा सकते हैं। इसकी वजह केंद्र में बीजेपी का सत्तारूढ़ होना है। बतादें कि कांग्रेस इससे पहले भी बीजेपी से बेहतर स्थिति में होते हुए गोवा और मेघालय में सरकार बनाने का मौका गंवा चुकी है।
बीते साल गोवा में 40 विधानसभा सीटों के लिए हुए चुनावों में कांग्रेस ने 17 सीटें जीती थीं और बीजेपी के पास 13 सीटें थीं, लेकिन भाजपा यहां पर दूसरे दलों के समर्थन से सरकार बनाने में सफल रही। वहीं, इसी साल हुए मेघालय विधानसभा की 60 सीटों पर हुए चुनावों में कांग्रेस के पास 21 सीटें थीं, लेकिन 20 सीटें लाने वाली एनपीपी ने यूडीपी (6 सीटें), पीडीएफ (4 सीटें), एचएसपीडीपी (2 सीटें) और बीजेपी (2 सीटें) के समर्थन से सरकार बना ली थी।
कर्नाटक चुनाव परिणाम : मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में भी बीजेपी को बढत