बेंगलूरु। कर्नाटक में मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी की सरकार मंगलवार को विश्वास मत हासिल करने में विफल रही। कुमारस्वामी द्वारा सदन में पेश विश्वास मत प्रस्ताव के समर्थन में 99 मत पड़े जबकि इसके विरोध में 105 सदस्यों ने वोट डाले।
इसके साथ ही कांग्रेस-जनता दल (एस) गठबंधन की 13 माह पुरानी सरकार गिर गई। प्रस्ताव पर मतदान के दौरान सत्तारूढ़ गठबंधन के वे 15 सदस्य सदन में मौजूद नहीं थे जिन्होंने कुछ दिन पूर्व विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफे दे दिए थे।
कांग्रेस के 12 और जद (एस) के तीन विधायकों ने इस्तीफे दिए थे जिसके बाद विपक्षी भारतीय जनता पार्टी ने कहा था कि कुमारस्वामी सरकार अल्पमत में आ गई है और उसे इस्तीफा दे देना चाहिए।
इसे देखते हुए मुख्यमंत्री ने विधानसभा में विश्वास मत प्रस्ताव लाने का फैसला किया था और 18 जुलाई को सदन में इसे पेश किया था। इस पर चार दिन चली चर्चा के बाद आज शाम साढ़े सात बजे मतदान कराया गया।
कुमारस्वामी सरकार 23 मई 2018 को बनी थी। विधानसभा चुनाव में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था जिसके बाद कांग्रेस तथा जनता दल (एस) ने गठबंधन सरकार बनायी थी। कांग्रेस के ज्यादा विधायक होने के बावजूद मुख्यमंत्री पद जद(एस) को दिया गया था।
सरकार बनने के कुछ समय बाद ही गठबंधन में मतभेद उभरने लगे थे। गठबंधन के 15 विधायकों के इस्तीफे विधानसभा अध्यक्ष ने तुरंत स्वीकार नहीं किए थे। इसके मद्देनजर इन विधायकों ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाकर विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफे स्वीकार करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था।
न्यायालय ने अपने फैसले में इस्तीफों का निर्णय विधानसभा अध्यक्ष पर छोड़ दिया था लेकिन कहा था कि इन सदस्यों को विधानसभा की कार्यवाही में भाग लेने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।