बेंगलूरू। कर्नाटक के गदग जिले के बालेहोसुर मठ के डिंगलेश्वर स्वामीजी ने सोमवार को आरोप लगाते हुए कहा कि मठों को उनके अनुदान की स्वीकृति के एवज में सरकार को 30 फीसदी तक कमीशन देना पड़ता है।
स्वामी जी ने कहा कि इसी कट-मनी सिस्टम की वजह से सभी विकास कार्य ठप हो गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कई विधायक काम शुरू करने से पहले ही कमीशन तय कर लेते हैं। यदि ठेकेदार कमीशन का भुगतान नहीं करता है, तो पैसा जारी नहीं किया जाता है। इससे काम प्रभावित होता है। सिर्फ विकास की बात हो रही है।
यह आरोप भारतीय जनता पार्टी नेता केएस ईश्वरप्पा के शनिवार को अपने मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद आया है। उनका यह इस्तीफा बेलगावी के एक ठेकेदार संतोष पाटिल के 12 अप्रैल को उडुपी के एक लॉज में कथित तौर पर आत्महत्या को लेकर उन पर लगे आरोपों के बाद आया हैं।
मठ धर्मगुरु के आरोपों की जांच होगी : बोम्मई
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सोमवार को कहा कि यदि डिंगलेश्वर स्वामीजी सरकारी अनुदान प्राप्त करने के लिए कमीशन देने का विवरण उपलब्ध कराते है तो इसकी गहराई से जांच कराई जाएगी।
बोम्मई ने पत्रकारों से कहा कि डिंगलेश्वर स्वामी जी एक परम पूजनीय धर्मगुरू हैं, एक महात्मा हैं, यह पर्याप्त नहीं है कि एक मठ के प्रमुख एक बयान जारी किया हैं। यदि वह विवरण उपलब्ध करा सकते हैं कि किसने कमीशन की मांग की, किसको भुगतान किया गया, कितना भुगतान किया गया और सभी संबंधित ब्यौरे के बाद मैं पूरी जांच सुनिश्चित करूंगा।