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कनार्टक सरकार तीन महीने बाद गिर जाएगी : सुब्रह्मण्यम स्वामी
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कनार्टक सरकार तीन महीने बाद गिर जाएगी : सुब्रह्मण्यम स्वामी

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कनार्टक सरकार तीन महीने बाद गिर जाएगी : सुब्रह्मण्यम स्वामी
BJP leader Subramanian Swamy visits jhunjhunu
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BJP leader Subramanian Swamy visits jhunjhunu

झुंझुनूं। पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी ने हाल में बनी कर्नाटक सरकार को अनैतिक बताते हुए कहा है कि वह तीन महीने बाद गिर जाएगी।

डॉ स्वामी सोमवार को यहां सर चौधरी छोटूराम किसान संस्थान के तत्वावधान में आयोजित किसानों एवं पशुपालकों की वर्तमान आर्थिक एवं सामाजिक परिस्थितियों पर कार्यशाला के अवसर पर कहा कि कर्नाटक में बनी सरकार अनैतिक है और तीन माह बाद यह सरकार गिर जाएगी।

उन्होंने इस मौके पर नेशनल हेराल्ड मामले में भी तल्ख टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस उनके द्वारा मांगे गए दस्तावेज नहीं दे रही है। इक्कीस जुलाई के बाद कोर्ट में हर दिन मामले की सुनवाई है।

उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि इसके बाद इस साल के अंत तक बड़ी संख्या में कांग्रेसी जेल में जाएंगे। उन्होंने पाकिस्तान पर चर्चा करते हुए कहा कि अब इसका अस्तित्व मिटेगा और इसके पहले दो टुकड़े हुए और अब चार होंगे।

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि अभी भी पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के लोग वित्त मंत्रालय में मौजूद है। यही कारण है कि उन्होंने नोटबंदी जैसे अच्छे कदम की भी हवा निकाल दी।

किसानों की नहीं सोचे, उसकी करनी होगी छुट्टी

सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा है कि अब किसानों को यह फैसला लेना होगा कि जो उनके बारे में नहीं सोचे, उनको और कोई मौका न देकर उनकी छुट्टी करनी होगी।

उन्होंने कहा कि जो किसानों के बारे में सोचने की मंशा रखता है उसे मौके देने होंगे। यही नहीं उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि चुनाव में कृषि भी एक मुद्दा होना चाहिए। इसके लिए भी किसानों को एकजुट होने की जरुरत है।

उन्होंने कहा कि सदियों पहले भारत के कृषि उत्पाद अमरीका जैसे देशों में जाते थे। लेकिन अब हालात बदल गए है। इन हालातों को फिर से बदलने की जरूरत है। साथ ही सरकारों को अब कर्ज माफी जैसे कदम उठाने की बजाय किसानों का उत्पाद विदेशों में कैसे पहुंचाए इस पर ध्यान देना होगा। इसके लिए विदेशों से लड़ाई के साथ डब्लूटीओ से भी लड़ाई लड़नी होगी।

उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरणसिंह ने कृषि का राष्ट्रीयकरण नहीं होने दिया। नहीं तो कृषि की हालत और बुरी हो जाती। क्योंकि आजादी के पहले अंग्रेजों ने सबसे ज्यादा जिसका खून चूसा, वे किसान ही थे। असामाजिक तत्वों को जमीदार बना दिया और किसानों की कमर तोड़ने की पूरी कोशिश की। उसके बाद से ही किसान डूबता जा रहा है।

उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसान और कृषि दोनों की बात कर रहे हैं। जिसके सकारात्मक परिवर्तन भी देखने को मिलेंगे।

राम मंदिर के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि न्यायालय में मूलभूत अधिकार की लड़ाई साधारण अधिकार से हो रही है। लेकिन यह तय है कि मूलभूत अधिकार की जीत होगी और अगली दिवाली तक हमारी जीत होगी। उन्होंने कहा कि अयोध्या में जिस जगह पर विवाद है वहां पूजा का अधिकार है। जो मूलभूत अधिकार में आता है।