बेंगलूरु। कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली मंत्रिपरिषद को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया है।
गहलोत ने प्रेस काे जारी अधिसूचना में कहा कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 164 (1) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए मैंने (कर्नाटक का राज्यपाल थावरचंद गहलोत) मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा का इस्तीफा स्वीकार किया है और उनके नेतृत्व वाली मंत्रिपरिषद् को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया है।
उन्होंने कहा कि बीएस येदियुरप्पा जब तक कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं हो जाती तब तक मुख्यमंत्री के तौर पर कार्य करते रहेंगे। इस बीच येदियुरप्पा के समर्थकों ने उनके इस्तीफे के बाद शिवमोगा जिले के उनके गृहनगर शिकारीपुरा में दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद कर दिए।
इससे पहले सुबह येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफे का पत्र राजभवन पहुंचकर राज्यपाल गहलोत को सौंपा था। उन्होंने यह भी कहा कि वह अपनी इच्छा से इस्तीफा दे रहे हैं और उन पर केन्द्रीय नेतृत्व को कोई दवाब नहीं है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा का उन पर कोई दबाव नहीं था। यह मेरा अपना फैसला है। मैंने यह फैसला दूसरे को मुख्यमंत्री बनने का मौका देने के लिए लिया है। मैं एक बार फिर राज्य की जनता को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने मुझे मुख्यमंत्री के रूप में सेवा करने का मौका दिया।
येदियुरप्पा ने यह भी कहा कि वह पार्टी को मजबूत करने और पार्टी को सत्ता में लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह पूछे जाने पर कि उनकी जगह कौन लेगा, उन्होंने कहा कि नए मुख्यमंत्री के बारे में फैसला केंद्रीय नेतृत्व पर छोड़ दिया गया है।
उन्होंने कहा कि मैं किसी के नाम का प्रस्ताव नहीं रख सकता। केंद्रीय नेतृत्व जिसे भी नया मुख्यमंत्री बनाएगा, हम सब उनके साथ मिलकर काम करेंगे और अगले चुनाव में पार्टी को फिर से सत्ता में लाएंगे।
येदियुरप्पा ने शिवमोगा जिले के शिकारीपुरा निर्वाचन क्षेत्र का आठ बार प्रतिनिधित्व किया और रिकॉर्ड चार बार मुख्यमंत्री के तौर पर अपनी सेवा दी। वह कर्नाटक में चार बार मुख्यमंत्री के रूप में सेवा करने वाले एकमात्र व्यक्ति हैं और कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में तीन बार सेवा करने वाले एकमात्र सदस्य हैं।