बेंगलूरु। कर्नाटक हाईकोर्ट ने बुधवार को बलात्कार के दोषी उमेश रेड्डी की याचिका खारिज कर दी, जिसमें मौत की बजाय उम्रकैद की सजा की मांग की गई थी। इसके साथ ही रेड्डी को अगले छह सप्ताह में फांसी की सजा दे दी जाएगी।
याचिका को खारिज करते हुए न्यायमूर्ति अरविंद कुमार और न्यायमूर्ति प्रदीप सिंह येरूर की न्यायालय की युगलपीठ ने कहा कि जघन्य अपराध को माफ नहीं किया जा सकता। रेड्डी ने 18 महिलाओं की हत्या करना कबूल किया था लेकिन उसे नौ मामलों में दोषी ठहराया गया था। दोषी के वकील ने पीठ से उसकी मानसिक स्थिति को देखते हुए उसे उम्रकैद देने की अपील की।
रेड्डी को 2002 में बेंगलूरु में दो ऑटो चालकों द्वारा पीन्या के पास एक नाई की दुकान पर पहचानने के बाद पकड़ा गया था। वह 1997 से फरार था। आरोपी अकेली महिला को निशाना बनाता था और पानी मांगने के बहाने घरों में घुसता था, बांधता था और चाकू की नोंक पर रेप करता था। वारदात को अंजाम देने के बाद वह उनकी हत्या करता था।
रेड्डी पर बेंगलूरु, कुनिगल, वडोदरा और बल्लारी में बलात्कार और हत्या के मामलों का आरोप लगाया गया था। चित्रदुर्ग का निवासी रेड्डी फिलहाल हिंडालगा जेल में बंद है।