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कर्नाटक संकट को लेकर अब निगाहें कुमारस्वामी पर टिकीं - Sabguru News
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कर्नाटक संकट को लेकर अब निगाहें कुमारस्वामी पर टिकीं

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कर्नाटक संकट को लेकर अब निगाहें कुमारस्वामी पर टिकीं

बेेंगलूरु। तेरह माह पुरानी कर्नाटक की जनता दल (एस)-कांग्रेस गठबंधन सरकार शनिवार को 13 विधायकों के इस्तीफा दे देने से संकट में फंस गई और अब सभी की निगाहें अमरीका के एक सप्ताह के दौरे के बाद आज रात यहां लौट रहे मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी पर लगी हुई हैं।

राजनीतिक क्षेत्रों से मिली रिपोर्टों के अनुसार सोमवार को कुछ और विधायक इस्तीफा दे सकते हैं जिससे राज्य सरकार का संकट और गहरा सकता है।

कांग्रेस नेताओं ने सरकार बचाने के लिए मसले सुलझाने के प्रयास शुुरू कर दिए हैं और इस कड़ी में कांग्रेस महासचिव एवं कर्नाटक के पार्टी प्रभारी केसी वेणुगोपाल ने कुछ नेताओं के साथ कई बैठकें की हैं। विद्रोही विधायकों के साथ भी बैठक निर्धारित थी लेकिन उसे निरस्त कर दिया गया क्योंकि उनमें से अधिकतर विधायक मुम्बई चले गए हैं।

कुमारस्वामी का अमरीका से लौटकर रात में जद (एस) मुख्यालय में यहां विधायक दल की बैठक करना काफी महत्वपूर्ण होगा। गौरतलब है कि शनिवार को जद (एस) के तीन और कांग्रेस के 10 विधायकों के विद्रोही रुख अख्तियार करते हुए अपने इस्तीफे विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय को सौंप दिए थे जिससे गठबंधन सरकार को संकट का सामना करना पड़ रहा है।

राज्य में यह राजनीतिक घटनाक्रम कर्नाटक विधानसभा का मानसून सत्र 12 जुलाई से शुरू होने से पहले हुआ है। इस बीच, जद (एस) और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विद्रोही नेताओं को अपने इस्तीफे वापस लेने के लिए राजी करने पर लगे हुए हैं।

भारतीय जनता पार्टी पर कर्नाटक सरकार काे अस्थिर करने के लिए ‘ऑपरेशन लोटस’ संचालित करने के आरोप लगते रहे हैं जिसका प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बी एस येद्दियुरप्पा खंडन किया है।

येद्दियुरप्पा आज तुमकुरु के दौरे पर हैं। उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार को लेकर विद्रोही रुख अख्तियार करने वाले विधायकों के मामले से भाजपा का कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि अपनी समस्याओं के कारण इस सरकार का गिरना सन्निकट है और हम दूर से इस पर नजर रखे हुए हैं।

उन्होंने कहा कि यदि जद (एस)-कांग्रेस सरकार अपने ‘अंतर्विरोध’ के कारण गिरती है तो भाजपा अगली सरकार बनाने का दावा पेश करेगी। वर्तमान सरकार के सामने आए संकट से हमारा कोई सरोकार नहीं है। यदि यह सरकार अपने बोझ को बर्दाश्त न कर सकी और गिर गई तो हम अगली सरकार के गठन के लिए दावा पेश करेंगे। हम राजनीतिक संन्यासी नहीं हैं। हमने यह स्पष्ट कर दिया है कि कर्नाटक की जनता मध्यावधि चुनाव नहीं चाहती है, अब भाजपा अपने कर्तव्य का निर्वहन करेगी।

जद(एस) के अध्यक्ष एवं पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौडा इस संकट के मद्देनजर पुत्र एवं मुख्यमंत्री कुमारस्वामी के लौटने से पहले अपने आवास पर कई बैठकें कर चुके हैं।

उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि सरकार बचाने के लिए दोनों दल गठबंधन सरकार के नेतृत्व में परिवर्तन का फार्मूला अपना सकते हैं। इस फार्मूले में पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दारामैया को मुख्यमंत्री बनाने और कुमारस्वामी के पुत्र एवं लोक निर्माण मंत्री एचडी रेवन्ना को उप मुख्यमंत्री बनाना शामिल है। मल्लिकार्जुन खडगे को अगला मुख्यमंत्री बनाने से भी इन्कार नहीं किया जा सकता।

इस बीच कांग्रेस नेता एवं मंत्री डीके शिवकुमार ने आज देवगौडा से मुलाकात की। सूत्रों के अनुसार देवगौडा सिद्दारामैया के काम करने के तरीके से नाखुश हैं और उन्होंने शिवकुमार को अपनी नाराजगी से अवगत भी कराया है।