बेंगलुरु। कर्नाटक विधानसभा चुनाव का माहौल गरमा रहा है और भारतीय जनता पार्टी तथा कांग्रेस के बीच कडी चुनावी टक्कर है लेकिन कांटे का मुकाबला राजधानी बेंगलुरु की 28 सीटों पर है जहां दोनों दलों के समक्ष अपनी सीटों को बरकरार रखने चुनौती है।
कर्नाटक की 224 सदस्यों वाली विधानसभा में राजधानी बेंगलुरु के विधानसभा क्षेत्र अहम हैं। सभी सीटों पर दोनों दलों के दिग्गज चुनाव मैदान में है। राज्य सरकार में गृहमंत्री रामलिंग्गा रेड़डी बीटीएम, लेआउट, शहरी विकास मंत्री रोशन बेग, शिवाजीनगर, कैबिनेट मंत्री के जे जार्ज, सर्वजननगर तथा कृष्णा बी बैरेगौडा बैइटा रायनापुरा शामिल हैं जबकि कांग्रेस के चर्चित एन हरीश ,शांतिनगर, पूर्व उप मुख्यमंत्री आर अशोक ,पद़मनाभनगर और एस सुरेश कुमार, राजाजीनगर जैसे प्रमुख नेता चुनाव मैदान में हैं।
गृहमंत्री रेड्डी की बेटी आर सोम्या भी बेंगलुरु की जयनगर सीट से चुनाव लड रही है। सोम्या पहली बार चुनाव मैदान में उतरी हैं और उनकी उम्मीदवारी के कारण उनके पिता को परिवारवाद को लेकर भाजपा की कडी आलोचना भी सहन करनी पड रही है। रेड्डी के लिए खुद से ज्यादा अपनी बेटी की सीट की चिंता है और वह लगातार प्रचार में जुटे हैं!
पिछले चुनाव में भाजपा को बेंगलुरु से 15 सीटों पर जीत हासिल हुई थी जो 2008 से तीन कम है! भाजपा के पास पिछले विधानसभा चुनाव के आंकडे को पार करने ही नहीं बल्कि 2008 के आंकडे से आगे बढने की चुनौती है। कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनाव में 10 सीटों पर जीत हासिल की थी और उसके समक्ष इन सीटों को बरकरार रखने की चुनौती है।
कांग्रेस के एन हरीश इस समय बेंगलूर से चुनाव लड रहे सबसे चर्चित प्रत्याशी हैं! उसके बेटे पर सीटी के एक पब में हमला करने का आरोप है और जेल में बंद हैं। उस पर हत्या के प्रयास का आरोप है। भाजपा इस बहाने हरीश पर हमालावर बनी हुई है। उनके खिलाफ भाजपा के बासुदेव मूर्ति तथा आम आदमी पार्टी की रेणुका विश्वंता चुनाव मैदान में हैं।
शहर की मलल्लेश्वर सीट पर अभी भाजपा का कब्जा है। इस सीट पर भाजपा के सीएन अश्वथनाराणयण को कांग्रेस उम्मीदवार के श्रीपद रेणु तथा जनता दल एस के मधुसूदन एन कडी टक्कर दे रहे हैं! यह वोकलिंगा और ब्राहमण बाहुल क्षेत्र है। डॉ अश्वथनारायण खुद वोकलिंग समुदाय से हैं इसलिए उन्हें विश्वास है कि वह इस सीट पर दोबारा लौटेंगे। यह सीट 2008 में हुए परिसीमन में अस्तित्व में आयी और तब से भाजपा के कब्जे में है। पार्टी के पास तीसरी बार इस सीट को कब्जाने की बडी चुनौती है।
राजधानी की वासवानागुड़डी विधानसभा सीट पर भी भाजपा के लिए चुनौती भरी है। पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी के एल ए रवि सुब्रमण्य इस सीट से जीते थे और पार्टी ने इस बार भी उन्ही पर भरोसा जताया है। इस सीट पर 30 साल पहले गैरभाजपाई नेता रामकृष्ण हेगडे जीते थे और उसके बाद से यह सीट लगातार भाजपा के पास है। इस सीट पर 70 हजार मतदाता ब्राह्मण है जबकि 40 वोकलिंग समुदाय से हैं।
स्रब्रमण्य के समक्ष कांग्रेस के बोरेगोडा तथा जनता दल एस से के बगेगौडा चुनाव मैदान में है। यह दोनों वोकलिंग समुदाय से हैं लेकिन इस समय आम आदमी पार्टी के सीतारमन गुंडप्पा समीकरण बिगाड सकते हैं इसलिए भाजपा सीट पर बहुत ध्यान दे रही है।
यशवंतरपुर सीट पर कांग्रेस की साख दांव पर लगी है। यह राजधानी की भौगोलिक दृष्टि से सबसे बडी सीट है। इस सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता एस टी सोमशेखर विधानसभा के सदस्य हैं और इस बार वह फिर चुनाव मैंदान में हैं। यह सीट 2008 में बनी और इसमें शहरी तथा ग्रामीण मतदाता बडी संख्या में हैं।
सोमशेखर को इस बार भाजपा के जगेश कडी टक्कर दे रहे हैं और पिछली बार दूसरे स्थान पर रहे जनता दल के टी एन जे गोडा भी उनके समक्ष चुनौती पेश कर रहे हैं। हालांकि सोमशेखर का कहना है कि वह दस साल लोगों की सेवा कर रहे हैं जबकि जगेश नये हैं।
राजधानी की गांधीनगर सीट से पूर्व मुख्यमंत्री गुंडुराव के पुत्र दिनेश गुंडुराव फिर से चुनाव लड रहे हैं। दिनेश गुंडुराव सिद्धरमैया सरकार में खाद्य मंत्री थे लेकिन उनके सांगठनिक कौशल के कारण उन्हें दो साल पहले पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था। दिनेश गुंडुराव कांग्रेस सोशल मीडिया प्रचार को मजबूती दी है जिससे भाजपा को सोशल मीडिया में कडी टक्कर मिली है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पूरे शहर की तस्वीर क्या होगी इसका अनुमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कामराजनगर जिले के संतेमाराहल्ली में एक मई को होने वाली रैली और उसके बाद आठ अप्रेल तक उनके धुंआंधार प्रचार से ही साफ होगा।