श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर सरकार के परामर्श के बाद घाटी में फैली अफवाहों और तनाव को लेकर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को राज्यपाल सत्य पाल मलिक से मुलाक़ात की।
अब्दुल्ला ने पार्टी नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ राज्यपाल से मुलाक़ात के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हम जम्मू-कश्मीर की वर्तमान स्थिति के बारे में जानना चाहते हैं। राज्य की स्थिति के संबंध में हमने जब अधिकारियों से जानकारी चाही तो उन्होंने यह कहा कि कुछ हो रहा है लेकिन क्या हो रहा है इसकी किसी को इसकी जानकारी नहीं थी।
गौरतलब है कि सरकार ने शुक्रवार को अमरनाथ यात्रा को बंद कर श्रद्धालुओं और पर्यटकों से जल्दी से जल्दी राज्य छोड़ने का परामर्श जारी किया था। इसके बाद से तरह तरह की अटकलें लगाई जाने लगी थीं।
इससे पहले पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष और राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती, पीपल्स मूवमेंट के अध्यक्ष शाह फैसल, पीपल्स कांफ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन तथा पूर्व मंत्री इमरान अंसारी ने भी शुक्रवार रात राज भवन में राज्यपाल से मुलाक़ात की थी।
सुश्री महबूबा ने राज्यपाल के साथ मुलाक़ात के बाद कहा कि हम सभी ने राज्यपाल से घाटी में फैली अफवाहों पर स्थिति साफ करने का आग्रह किया है। मलिक ने शुक्रवार रात एक बयान जारी कर सबसे शान्ति और संयम बनाए रखने का आग्रह भी किया था। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसियों द्वारा अमरनाथ यात्रा के दौरान यात्रियों पर आतंकवादी हमले के खतरे के मद्देनज़र यात्रियों और पर्यटकों को परामर्श जारी किया गया है।
इसके अलावा अब्दुल्ला ने आरोप लगाते हुए कहा कि गुलमर्ग के एक होटल में ठहरे उनके मित्रों को भी जबरन निकालने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सड़क परिवहन विभाग (एसआरटीसी) की बसों को स्कीइंग रिसोर्ट और पहलगाम से लोगों को लाने के लिए रिजर्व किया जा रहा है।
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि यदि खतरा अमरनाथ यात्रियों को है तो गुलमर्ग से लोगों को बाहर जाने के लिए क्यों कहा जा रहा है। मैं छह साल तक मुख्यमंत्री रहा उसके बावजूद मुझे वर्तमान स्थिति की कोई जानकारी नहीं है। सोचिये एक आम कश्मीरी के मन में इस समय क्या चल रहा होगा, जिन्हें यह नहीं समझ आ रहा कि किस बात पर विश्वास करें।
उल्लेखनीय है कि आतंकवादी खतरे के मद्देनजर अमरनाथ तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को अपनी यात्रा की अवधि को कम करने और कश्मीर घाटी छोड़ने संबंधी राज्य सरकार की तरफ से परामर्श जारी किया गया था जिसके बाद घाटी में तरह-तरह की अफवाहें फैल गई हैं।
इससे पहले केंद्र सरकार ने कुछ दिन पहले ही राज्य में अर्धसैनिकों बलों की कुछ टुकड़ियाें को घाटी में भेजा है जिसकी वजह से भी लोगों के मन में कई तरह के सवाल खड़े हो गए हैं।