चित्तौडग़ढ़। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के अखिल भारतीय संरक्षक इंद्रेशकुमार ने कहा है कि केंद्र में मौजूदा सरकार के पुन: आने एवं धारा 370 हटने पर कश्मीरी पंडितों सहित अन्य विस्थापितों के कश्मीर में पुनर्वास का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा।
इंद्रेशकुमार ने मंगलवार को पत्रकारों को बताया कि कश्मीर से केवल पंडित ही नहीं बल्कि डोगरा सिक्ख और बिहारी भी विस्थापित है। सरकार ने इनके पुनर्वास के लिए प्रथम कार्य आतंकवाद से कश्मीर को मुक्त करना रहा जिसमें सफलता मिली है।
दूसरा कार्य है, धारा 370 का खात्मा और उसमें भी अनुच्छेद-35 को विशेष रूप से समाप्त करवाना है जो देश से कश्मीर को अलग करता है। इसे भी समाप्त करने की दिशा में सरकार ने कार्य किया है।
उन्होंने कहा कि तीसरे स्तर पर कश्मीरियों में विस्थापितों के पुनर्वास की आवाज उठाने लगे हैं। उन्होंने कहा कि इन सब बातों से यह निश्चय है कि मौजूदा सरकार के पुन: आने पर ही जल्द कश्मीरी पंडितों सहित अन्य सभी विस्थापितों का पुनर्वास होगा।
इससे पूर्व कुमार ने यहां मंच के तत्वावधान में मुस्लिम समुदाय के लोगों के एक सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि समाज को पैंसठ सालों के शासन में क्या मिला और पिछले पांच सालों में शासन ने क्या दिया, इसका आकलन करना है।
उन्होंने तीन तलाक से मुस्लिम महिलाओं को मुक्ति दिलवाने की बात बताते हुए कहा कि तलाक कुरान एवं इस्लाम के साथ बेईमानी थी। देश की 31 महिलाओं ने इसके खिलाफ न्यायालय में आवाज उठाते हुए इस्लाम का सच सामने लाया।
उन्होंने मुस्लिम समाज को तालीम की जरूरत बताते हुए कहा कि पिछली सरकारों ने अशिक्षित रखा और मदरसों में इस्लाम की शिक्षा ही देते रहे लेकिन इस सरकार ने मदरसों में एक हाथ में कुरान एवं एक हाथ में कम्प्यूटर की बात कहते हुए उच्च शिक्षा में वजीफे बढ़ाए जिसके चलते देश में पिछले पांच सालों में समाज के सर्वाधिक आईएएस, आईपीएस एवं आरएएस बने। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने हज कोटा एक लाख से बढाकर दो लाख किया।