नई दिल्ली। पद्मविभूषण से सम्मानित कत्थक नृत्य गुरू पंडित बिरजू महाराज का सोमवार को यहां दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वे 83 वर्ष के थे। उन्हाेंने दिल्ली में साकेत के एक अस्पताल में अंतिम सांसे ली।
पं बिरजू महाराज के पोते स्वरांश मिश्रा ने सोशल मीडिया पर अपने पोस्ट में लिखा कि मेरे नाना जी नहीं रहे। मुझे दुख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि उन्हाेंने 17 जनवरी 2022 को अंतिम सांसे ली।
उनका जन्म चार फरवरी 1938 को उत्तर प्रदेश के हड़िया में कत्थक प्रेमी परिवार में हुआ था। उनके पिता पंडित लच्छन महाराज का निधन जिस समय हुआ, बिरजू महाराज केवल नौ वर्ष के थे। पंडित बिरजू महाराज ने कत्थक नृत्य शैली को देश और देश के बाहर तमाम कार्यक्रमों में प्रदर्शित किया था।
उनका औपचारिक नाम मोहन लाल मिश्रा था, लेकिन उनकी ख्याति पंडित बिरजू महाराज के रूप में फैली। वह लखनऊ कालिका-बिन्दादीन घराने के कलाकार थे। उनके चाचा शंभू महाराज और लच्छू महाराज भी कत्थक नृत्य के पारंगत थे।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने पंडित बिरजू महाराज के निधन पर शोक व्यक्त किया है। आदित्य नाथ ने कहा कि पंडित बिरजू महाराज ने अपनी कला और प्रतिभा से पूरी दुनिया में देश और प्रदेश का गौरव बढ़ाया था। वे शास्त्रीय कत्थक नृत्य के लखनऊ कालिका-बिन्दादीन घराने के अग्रणी नर्तक थे। उनके निधन से कला जगत को हुई हानि की भरपाई होना कठिन है।
मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्म की शांति की कामना करते हुए पंडित बिरजू महाराज के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।