नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद सभी एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी की सरकार बनती दिख रही है। इन एग्जिट पोल ने केंद्र की भाजपा सरकार को तनाव में ला दिया है। दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार बनती दिख रही है, हालांकि इसका फाइनल फैसला 11 फरवरी को होना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गृह मंत्री अमित शाह समेत भाजपा के तमाम कद्दावर नेता अरविंद केजरीवाल से दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रचार करने में पीछे ही रह गए। दिल्ली की जनता ने नागरिकता कानून और राष्ट्रवाद जैसे मुद्दे को पीछे छोड़कर विकास के मुद्दे पर अरविंद केजरीवाल को चुना है।
एग्जिट पोल के अनुसार दिल्ली में केजरीवाल की सरकार बनेगी ?
दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर मतदान के बाद एग्जिट पोल के अनुमान भी सामने आ गये हैं जो एक बार फिर आम आदमी पार्टी की सरकार बनने की ओर इशारा कर रहे हैं। एग्जिट पोल के अनुमानों में आप के विकास वाला नारा कामयाब होता नजर आ रहा है, जबकि भारतीय जनता पार्टी के तमाम मुद्दे फेल होते दिखाई दे रहे हैं।
यहां तक कि बीजेपी का सबसे बड़ा और प्रमुख एजेंडा भी दिल्ली चुनाव में पीछे छूटता दिखाई दिया। एग्जिट पोल के मुताबिक दिल्ली में आम आदमी पार्टी सबसे बड़े दल के रूप में उभर कर आ रही है उसके बाद भाजपा और तीसरे नंबर पर कांग्रेसी बताई जा रही है।
दिल्ली में चली आप की लहर
आप की इस जबरदस्त लहर में जहां विकास सबसे बड़ी वजह बनकर उभरा है, वहीं बीजेपी का राष्ट्रीय सुरक्षा वाला मुद्दा भी फेल हो गया है। एग्जिट पोल में दिल्ली के वोटरों से सवाल किया गया कि मतदान करते समय आपके लिए सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा क्या था ? इस सवाल के जवाब में सबसे ऊपर विकास था, जबकि राष्ट्रीय सुरक्षा लगभग सबसे नीचे। यानी राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा दिल्ली के वोटरों के लिए बहुत नीचे रहा है।
जबकि बीजेपी की बात की जाये उसकी तरफ से हमेशा राष्ट्रीय सुरक्षा को बड़े मुद्दे के रूप में पेश किया जाता है। बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से लेकर छोटे कार्यकर्ता तक पाकिस्तान और कश्मीर के बहाने राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा उठाते रहे हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को करारा जवाब देने वाला बताकर जनता के बीच जाते रहे हैं।
दिल्ली की जनता ने भाजपा के राष्ट्रवाद मुद्दे को नहीं दी हवा
पिछले साल कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद जब बीजेपी अक्टूबर में महाराष्ट्र और हरियाणा के विधानसभा चुनाव में उतरी तो उसने जोर-शोर से यह मुद्दा उठाया। महाराष्ट्र में कांग्रेस-एनसीपी बार-बार कहती रही कि बीजेपी महाराष्ट्र के बजाय वो मुद्दे उठा रही है, जिनका राज्य से कुछ लेना-देना नहीं है। हालांकि, इस सबके बावजूद महाराष्ट्र की जनता ने बीजेपी-शिवसेना गठबंधन पर भरोसा जताया था। लेकिन दिल्ली की जनता राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों को महत्व नहीं दिया है।
शाहीन बाग मामले में भाजपा को नहीं मिला कोई फायदा
अगर एग्जिट पोल के नतीजे सही साबित होते हैं तो फिर जनादेश का क्या मतलब निकाला जाए ? क्या यह समझा जाए कि दिल्ली के लोगों ने सीएए और एनआरसी के खिलाफ शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रहे लोगों को देश विरोधी नहीं माना या यह माना जाए कि उन्होंने विधानसभा चुनाव के लिए नागरिकता कानून, एनआरसी, शाहीन बाग के मुद्दे के बजाए विकास, शिक्षा-स्वास्थ्य और पानी जैसे मुद्दों को प्राथमिकता दी।
हालांकि दिल्ली चुनाव में देखें तो शाहीन बाग को लेकर जबरदस्त माहौल खड़ा करने की कोशिश की गई. बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने तो यहां तक कहा, ‘ये (शाहीन बाग) लोग आपके घरों में घुसकर बहन-बेटियों के साथ रेप करेंगे। इसलिए राज्य में बीजेपी की सरकार बननी चाहिए।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार