नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नीति आयोग की बैठक के मद्देनजर दिल्ली सरकार में कार्यरत भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारियों की हड़ताल खत्म कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फिर पत्र लिखा है।
केजरीवाल ने शुक्रवार को मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि 17 जून को नीति आयोग की बैठक बुलाई गई है और दिल्ली का मुख्यमंत्री हाेने के नाते बैठक के लिए उन्हें भी निमंत्रण मिला है।
उन्होंने लिखा है कि दिल्ली में पिछले तीन महीनों से नौकरशाह हड़ताल पर है जिसकी वजह से कई काम रुक गए हैं। उन्होंने कहा कि आईएएस अधिकारियों की हड़ताल को खत्म कराने के लिए पिछले पांच दिनों से मैं और मेरे तीन मंत्री उपराज्यपाल निवास पर हड़ताल को खत्म करवाने के लिए बैठे हैं, लेकिन उनकी तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
इससे पहले गुरुवार को भी मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर नौकरशाहों की हड़ताल खत्म कराने की अपील की थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली के आईएएस अधिकारी सीधे आपके नियंत्रण में आते हैं। गुरुवार को मैंने आपको पत्र लिखकर इस हड़ताल को खत्म कराने का निवेदन किया था। आपके यहां से भी कोई जवाब नहीं आया।
केजरीवाल ने आईएएस अधिकारियों की हड़ताल के लिए मोदी पर ही आरोप लगाया और कहा है कि आप इनकी हड़ताल को खत्म क्यों नहीं करवाते। इस तरह नौकरशाहों की हड़ताल करवाकर दिल्ली के लोगों को परेशान करना तो ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि नीति आयोग की बैठक में जो मुद्दे हैं, उन पर अधिकारियों को ही अमल करना हैं। बैठक में स्वास्थ्य बीमा पर चर्चा होनी है। हमने दिल्ली में इसको लागू करने का पूरा प्लान पहले से ही बनाया हुआ है किंतु अधिकारियों की हड़ताल के कारण पूरा काम रुका हुआ है।
उन्होंने पत्र में सवाल उठाते हुए कहा कि नौकरशाहों को मंत्रियों की बैठक में जाने को मना किया गया है। मैं पूछना चाहता हूं क्या आप कोई भी काम कर पाएंगे, अगर अधिकारी आपकी बैठकों में आना बंद कर दें। नहीं कर पाएंगे तो फिर आपने दिल्ली के अधिकारियों को सरकारी बैठकों में जाने से क्यों रोका हुआ है।
दिल्ली के लोगों की तरफ से मेरा फिर से निवेदन है कि इस हड़ताल को खत्म करवाएं। इस वक्त दिल्ली के लोगों के लिए ये सबसे अहम मुद्दा है। उम्मीद है कि 17 जून के पहले आप ये हड़ताल खत्म करवा देंगे, ताकि मैं नीति आयोग की बैठक में शामिल हो सकूं।
केजरीवाल के साथ राजनिवास कार्यालय में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र कुमार जैन और श्रम मंत्री गोपाल राय भी अनशन पर बैठे हैं। जैन मंगलवार से और सिसोदिया बुधवार से राजनिवास कार्यालय में ही अनिश्चितकालीन अनशन पर हैं।
इस बीच आम आदमी पार्टी ने कहा है कि सिसोदिया और जैन के अनशन से केंद्र सरकार और उपराज्यपाल घबराबर जबरन अनशन खत्म कराने की तैयारी में हैं। केजरीवाल ने एक ट्वीट को रीट्वीट किया है जिसमें कहा गया कि उन्हें जबरन हटाने की तैयारी क्यों की जा रही है। अभी चार दिन हुए हैं और दोनों फिट हैं। वे दिल्ली की जनता के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
आप के सांसद संजय सिंह ने उपराज्यपाल पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए कहा है कि अनशनकारियों से अमानवीय बर्ताव हो रहा है। उपराज्यपाल आवास में अनशन पर बैठे हमारे दोनों मंत्रियों को चिकित्सा की जरुरतें नहीं दी जा रहीं। क्या एलजी और मोदीजी यही चाहते हैं कि दोनों मंत्री अपनी जान दे दें।
सिंह ने कहा कि आज गृहमंत्री राजनाथ सिंह के साथ हुई मुलाकात से मैं उम्मीद करता हूं कि गृहमंत्री के साथ बातचीत करके एलजी दिल्ली की जनता के हित में कोई समाधान निकालेंगे।
दूसरी तरफ केजरीवाल और अन्य मंत्रियों के धरने के विरोध में मुख्यमंत्री कार्यालय में धरने पर बैठे दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता और अन्य ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर कहा है कि मुख्यमंत्री के बचकाना, अड़ियल और गैर जिम्मेदाराना रवैये की वजह से दिल्ली में संवैधानिक संकट उत्पन्न हो गया है।
विपक्ष के नेता ने राष्ट्रपति से आग्रह किया है कि इस मामले में हस्तक्षेप कर केजरीवाल और अन्य मंत्रियों को निर्देश दें कि दिल्ली की आम जनता के हित में तुरंत काम शुरु करें। पत्र में गुप्त के अलावा पश्चिमी दिल्ली से भारतीय जनता पार्टी सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा, विधायक जगदीश प्रधान, मनजिंदर सिंह सिरसा और आप के बागी विधायक कपिल मिश्रा के हस्ताक्षर हैं।