नयी दिल्ली । उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली के राजभवन में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के धरने को अवैध घोषित करने और भविष्य में ऐसे मामलों के लिए दिशा-निर्देश तय करने संबंधी याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय को इस बारे में लंबित याचिका का जल्द निपटारा करने का निर्देश दिया है।
याचिकाकर्ता ने मांग की थी कि शीर्ष अदालत खुद इस मामले की सुनवाई करे। दरअसल दिल्ली उच्च न्यायालय में वक़ील हरिनाथ राम ने एक याचिका दायर कर कहा है कि श्री केजरीवाल के धरने से संवैधानिक संकट पैदा हो गया था। याचिका में कहा गया है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी अपनी संवैधानिक जिम्मेदारियों को निभाने में नाकाम रहे हैं। वे धरना-प्रदर्शन में ही व्यस्त हैं। उन्होंने ऐसे मामलों पर विराम लगाने के लिए दिशानिर्देश जारी करने का अनुरोध किया है।