सबरीमला। केरल के सबरीमाला मंदिर से एक बार फिर प्रतिबंधित आयु वर्ग (10-50वर्ष) की महिलाओं को बिना दर्शन के लौटने पर मजबूर होना पड़ा। चेन्नई स्थित महिला मानवाधिकार संगठन मनिथि की तरफ से यहां दर्शन के लिए पहुंचीं 11 महिलाओं को अयप्पा के भक्तों के कड़े विरोध के बाद रविवार को वापस लौटना पड़ा।
कड़ी सुरक्षा के बीच पुलिस की टीम के साथ यह महिलाएं पंपा बेस कैंप से लौट गईं। इस दौरान पुलिस ने 24 से अधिक प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया। तमिलनाडु के मदुरई रवाना होने से पूर्व मनिथि की कार्यकर्ता सेल्वी ने कहा कि मंदिर के आस-पास कानून एवं व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होने की पुलिस के परामर्श मिलने के बाद हमने मंदिर में जाने की योजना को स्थगित कर दिया है। उन्होंने कहा कि हम मंदिर में दर्शन करने से पूर्व पुलिस सुरक्षा को लेकर अदालत की शरण में जाएंगे।
इसबीच पंबा के प्रभारी पुलिस अधीक्षक कार्तिकेयन ने कहा कि युवा महिलाओं के 11 सदस्यीय समूह ने अपनी ईच्छा से वापस लौटने का फैसला किया जबकि पुलिस उनको पूरी सुरक्षा प्रदान करने के लिए तैयार थी। साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि पुलिस यहां दर्शन के लिए बड़ी संख्या में आने वाले बच्चों और वृद्धों की सुरक्षा के लिए भी जिम्मेदार है।
पंबा में रविवार की सुबह युवा महिला समूह के पहुंचने पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने हर बार की तरह इस बार भी भारी विरोध किया। गड़बड़ी तब शुरु हुई जब पुलिस ने आंदोलनकारी श्रद्धालुओं को गिरफ्तार करना शुरु किया जो निषेधाज्ञा के तहत लागू पाबंदी आदेश का हवाला देते हुए महिलाओं के मंदिर में प्रवेश का विरोध कर रहे थे। लोगों के विरोध को देखते हुए पुलिस सभी युवा महिलाओं को पंबा थाना ले गई।
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने सबरीमला मंदिर में हर उम्र की महिलाओं के प्रवेश की इजाजत देने के बावजूद अभीतक किसी भी युवा महिला को मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गयी है। ऐसा प्रयास किये जाने पर विभिन्न राजनीतिक दल तथा बड़े पैमाने पर श्रद्धालु इसका भारी विरोध करते हैं।