तिरुवनंतपुरम। केरल में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने महिला नेता के साथ यौन दुर्व्यवहार के मामले में अपने विधायक पीके शशि को सोमवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह महीने के लिए निलंबित कर दिया।
आरोपी विधायक के खिलाफ पलक्कड जिला समिति की भारत की जनवादी नौजवान सभा (डीवाईएफआई) की महिला नेता के साथ यौन दुर्व्यवहार की शिकायत मिली थी। यहां पार्टी मुख्यालय एकेजी सेंटर में माकपा की राज्य समिति की बैठक में शोरनूर के विधायक शशि का पक्ष सुनने के बाद उन्हें छह महीने के लिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया।
डीवाईएफआई महिला नेता ने अपनी शिकायत में यह आरोप लगाया कि विधायक ने मनारकौड और पलक्कड पार्टी कार्यालय में उनके साथ यौन दुर्व्यवहार करने का प्रयास किया।
पार्टी ने मामले की जांच के लिए कानून मंत्री एके बालन और कन्नूर के सांसद एवं केन्द्रीय समिति के सदस्य पीके श्रीमती का दो सदस्यीय आयोग गठित किया था जिसने जांच के बाद पाया कि विधायक ने आपत्तिजनक ढंग से महिला नेता के साथ बातचीत की थी।
पार्टी की यहां जारी विज्ञप्ति के मुताबिक विधायक को निलंबित करने का निर्णय पार्टी की केंद्रीय समिति से अनुमोदन मिलने के बाद लिया जाएगा। विधायक ने खुद को पार्टी का आज्ञाकारी कार्यकर्ता बताते हुए कहा कि उनकी राजनीतिक छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है।
यह मामला उस समय प्रकाश में आया जब महिला ने अपनी शिकायत 14 अगस्त को ईमेल के जरिये पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात और पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी को भेजी। पार्टी ने हालांकि शशि के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई मंगलवार से शुरू होने वाली विधानसभा सत्र से एक दिन पहले की।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले माकपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री वी एस अच्युतानंदन ने भी विधायक के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए येचुरी को पत्र लिखा था।
इस मामले में विपक्षी दल के नेता रमेश चेन्नीथला ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए विधायक के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की जबकि साक्ष्य इकट्ठा करने के बाद पार्टी ने उस पर केवल अनुशासनात्मक कार्रवाई की है।