कोच्चि। केरल उच्च न्यायालय ने बुधवार को मलयालम न्यूज चैनल मीडिया वन पर लगे प्रतिबंध को हटाने से हाईकोर्ट ने इंकार कर दिया।
मुख्य न्यायाधीश एस मणिकुमार और न्यायमूर्ति शाजी पी चाली की पीठ ने केंद्रीय सूचना-प्रसारण मंत्रालय द्वारा ‘मीडिया वन’ को दिए गए प्रसारण लाइसेंस को नवीनीकृत करने से इन्कार करने वाले आदेश को बरकरार रखा है।
उच्च न्यायालय की एकल पीठ के न्यायाधीश एन नागरेश ने एस मणिकुमार और न्यायमूर्ति शाजी पी चाली की खंडपीठ द्वारा आठ फरवरी के आदेश को बरकरार रखा है।
माध्यमम ब्रॉडकास्टिंग लिमिटेड कंपनी द्वारा संचालित मीडिया वन चैनल का 10 साल का प्रसारण लाइसेंस 29 सितंबर 2021 को खत्म हो गया था। कंपनी ने पिछले साल मई में नवीनीकरण के लिए आवेदन किया था, लेकिन 29 दिसंबर 2021 को गृह मंत्रालय ने चैनल को सुरक्षा मंजूरी देने से इन्कार कर दिया और बाद में सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने 31 जनवरी को इसके प्रसारण को रद्द कर दिया।
मंत्रालय ने अदालत को बताया कि सुरक्षा कारणों से चैनल का लाइसेंस रद्द करने की वजह को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। खंड पीठ ने कहा कि हमने (गृह मंत्रालय) द्वारा जमा की गई फाइलों का अध्ययन किया है और इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा मानने के लिए सबूत पर्याप्त हैं।
उन्होंने आगे कहा कि एक बार पंजीकरण और अनुमति दिए जाने के बाद लाइसेंस का नवीनीकरण अन्य गंभीर स्थितियों को ध्यान में रखते हुए पूर्ण अधिकार नहीं है।
इससे पहले 2020 में चैनल पर दिल्ली दंगों को लेकर की गई रिपोर्टिंग के कारण इस पर केंद्र सरकार ने 48 घंटे का प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद 29 दिसंबर 2021 में मंत्रालय ने चैनल अनुमति देने से इन्कार कर दिया था और 5 जनवरी को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
बाद में केंद्र ने 31 जनवरी को चैनल के प्रसारण पर रोक लगाते हुए एक आदेश जारी किया, जिससे कंपनी को केंद्र के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका दायर करने के लिए मजबूर होना पड़ा।