कोच्चि। केरल हाईकोर्ट ने भगवान अयप्पा के प्रसिद्ध सबरीमला मंदिर में प्लास्टिक के इस्तेमाल पर सोमवार को पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया।
उच्च न्यायालय ने दो साल पहले घने जंगलों के बीच स्थित इस तीर्थस्थल पर प्लास्टिक के थैलों में किसी वस्तु अथवा प्लास्टिक की बोतल में पानी आदि की बिक्री पर रोक लगा दी थी।
न्यायाधीश पीआर रामचंद्र मेनन और न्यायाधीश देवन रामचंद्रन की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा कि तीर्थयात्री केवल मंदिर के मुख्य पुजारी द्वारा बताए गए जैविक तरीके से अपघटित होने वाले उत्पादों को ही मंदिर ले जा सकेंगे।
इस संबंध मं सबरीमला के विशेष आयुक्त की विशेष रिपोर्ट पर विचार करते हुए न्यायालय ने अधिकारियों को मंदिर और उसके परिसर में प्लास्टिक के इस्तेमाल पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है। न्यायालय ने अधिकारियों को अन्य राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं को भी उसके आदेश से अवगत कराने का निर्देश दिया।
गौरतलब है कि मंदिर और उसके आसपास प्लास्टिक के अंधाधुंध इस्तेमाल के कारण पर्यावरण संबंधी गंभीर समस्याओं की रिपोर्ट मिलने के बाद न्यायालय ने यह कदम उठाया है।