लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने किंज जार्ज मेडिकल विश्वविद्यालय में नौकरी लगाने के नाम पर ठगी करने वाले गिराेह सरगना समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया है।
एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह ने बताया कि केजीएमयू में नौकरी लगाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह सरगना देवरिया निवासी अरविन्द कुमार के अलावा कुशीनगर निवासी साजिद अन्सारी, लखनऊ निवासी रजनीकान्त रावत, राघवेन्द्र सिंह, माेहित शर्मा, बृजेश अवस्थी और अनुराग पाण्डेय को गिरफ्तार किया गया। उनके पास से 11 माेबाइल फोन, 20110 रुपए की नकदी, 12 एटीएम कार्ड और छह फर्जी नियुक्ति पत्र बरामद किए गए।
उन्होंने बताया कि पिछले काफी दिनाें से मेडिकल कालेज लखनऊ मे संविदा पर फर्जी नियुक्ति के लिए नौकरी लगवाने के नाम पर मोटी रकम वसूलने वाले गिराेह के सक्रिय हाेले की सूचना प्राप्त हाे रही थी। इस गिरोह को पकड़ने के लिए उन्होंने एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक प्राे0 त्रिवेणी सिंह को जिम्मेदारी सौंपी थी।
सिंह ने बताया कि इसी क्रम में जानकारी मिली कि एक गिरोह किंज जार्ज मेडिकल विश्वविद्यालय (केजीएमयू)लखनऊ में संविदा पर कम्प्यूटर आपरेटर के पद पर नियुक्ति के लिए नौकरी लगाने के नाम पर बेरोजगारों से मोटी रकम वसूल कर उन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र जारी किया गया है।
इस गिरोह का मुख्य सरगना अरविन्द कुमार सिंह है आैर शनिवार को वह अपने साथियों के साथ फर्जी नियुक्ति के सम्बन्ध में मिलने वाला है। इस सूचना पर एसटीएफ की टीम ने केजीएमयू परिसर में न्यू आेपीडी के भूमिगति पार्किग के पास सातों लोगों को गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तार गिरेह सरगना अरविन्द कुमार सिंह ने पूछताछ में बताया कि वह केजीएमयू में संविदा पर कम्प्यूटर आपरेटर के पद पर कार्यरत है। वह अपने साथियों के साथ मिल कर इस फर्जी वाड़े काे अंजाम देता है।
उसके साथियों द्वारा यह बात फैलाई जाती है कि केजीएमसी में विभागीय संविदा कम्प्यूटर आपरेटर के स्थान रिक्त है, जो लोग संविदा पर नौकरी के लिए इच्छुक हाे अरिवन्द कुमार सिंह से मिलें और इस नौकरी की एवज में उन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र दिया जाता है तथा इसके लिए दाे लाख लिए जाते है। पैसा मिलने के बाद ये लोग उसका बराबर बंटवारा कर लेते हैं। गिरफ्तार लोगों के विरूद्ध काेतवाली चौक पर मुकदमा दर्ज करा दिया गया है। आरोपियों को जेल भेज दिया गया है।