अजमेर। राजस्थान में अजमेर ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह कमेटी के कार्य आचरण पर आपत्तियां उठाते हुए दरगाह से जुड़े मुस्लिम प्रतिनिधियों एवं खादिमों ने जांच की मांग की है।
अजमेर में आज दरगाह कमेटी के पांच साल के कार्यकाल की जांच की मांग करते हुए केंद्र सरकार से इसकी प्रवर्तन निदेशालय से जांच कराए जाने की मांग गई है। नाजिम के नाम दिए गए ज्ञापन में यहां की अव्यवस्थाओं को केंद्रित करते हुए दरगाह कमेटी पर सही से जिम्मेदारी नहीं निभाने का भी आरोप लगाया गया है।
दरगाह की आंतरिक व्यवस्थाओं का प्रबंधन ठीक से नहीं होने की बात कहते दरगाह की छतो। पर जगह जगह गड्ढे होने, फर्श टूटी हुई होने, गंदगी होने की बात कहते पूरे दरगाह परिसर में रखरखाव पर उंगली उठाते हुए कहा गया है कि कमेटी न तो खुद कोई काम करती है और न ही किसी को करने देती है। यहां तक की कमेटी की शहर में जो भी जायदाद है उसे भी असंवैधानिक तरीके से खुर्द गुर्द किया जा रहा है।
दरगाह से जुड़ी जागरूक बिरादरी ने दरगाह कमेटी में स्थाई नाजिम के न होने की भी बात कही है और कहा है कि स्थाई नाजिम के नहीं होने से अनेकों फैसले नहीं हो पा रहे हैं। एक अन्य गंभीर आरोप में दरगाह कमेटी के सदस्यों द्वारा अपने कार्यकाल में एक करोड़ की राशि टीए डीए के नाम पर उठाए जाने का भी आरोप लगाया है।
ज्ञापन देने वालों में खादिम अब्दुल बारी चिश्ती, गुलाम मुस्तफा चिश्ती, हाजी शेखजादा इफ्तेखार चिश्ती, हाजी मुन्नवर अली, फजले हसन चिश्ती, सहित अनेक लोग शामिल रहे। उल्लेखनीय है कि दरगाह कमेटी का कार्यकाल जल्द ही खत्म होने जा रहा है और कमेटी में आने के लिए मुस्लिम प्रतिनिधियों ने अभी से अपनी जुगाड़ लगानी शुरु कर दी है। दरगाह कमेटी केंद्र सरकार के अधीन है और नाजिम की नियुक्ति भी वहीं से की जाती है।