खजुराहो । अपनी कलाकृतियों के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के खजुराहो में एक मंदिर ऐसा भी है, जहां हर साल शिवलिंग की ऊंचाई में इजाफा दर्ज होता है।
खजुराहो में एक समय 85 मंदिर थे, लेकिन अब गिने-चुने मंदिर ही शेष हैं। नौवीं सदी में बने इन मंदिरों में मतंगेश्वर महादेव एक ऐसा मंदिर है, जिसमें शिवलिंग नौ फीट जमीन के अंदर और इतना ही बाहर है। खजुराहो के पुरातत्व मंदिरों में यह ही एक ऐसा मंदिर है, जिसमें अब भी पूजा-पाठ होता है।
मंदिर के पुजारी अवधेश अग्निहोत्री ने बताया कि कार्तिक माह की शरद पूर्णिमा के दिन शिवलिंग की लंबाई तिल के आकार के बराबर बढ़ती जाती है। शिवलिंग की लंबाई को पर्यटन विभाग के कर्मचारी नापते हैं, जिसके बाद हर बार लंबाई पहले से कुछ ज्यादा मिलती है।
बताया जाता है कि शिवलिंग जितना ऊपर की ओर बढ़ता है, उतना ही नीचे की तरफ भी बढ़ता है। मतंगेश्वर महादेव का मंदिर खजुराहो के मंदिरों में सबसे ऊंचा है। इतिहासकारों के मुताबिक मतंगेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण 920 ई. के लगभग चंदेला राजा हर्षवर्मन ने करवाया था।